Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jan 2020 · 1 min read

दुर्दमनीय तलवारें लिखें !

दुर्दमनीय तलवारें लिखें !

विश्व धरातल पर हुए अक्षम्य, इतिहासों के लिकों को लिखें ,
मानवता के गहनों के विध्वंसक चीखों को लिखें !
प्रतिमानों के स्तम्भों पर हुए, भयावह पशुता को लिखें ;
पुण्यभूमि पर विविध विग्रहों के , लूटी गयी शुचिता लिखें !

सभ्यता संस्कृतियों पर हुए , बर्बर असंख्य आघातों से सीखें ,
स्वतंत्रता के स्वर्ण विहानों पर , क्रूर संघातों से सीखें !
दया-दान-सत्कर्म-धर्म, के प्रबल प्रतापों को लिखें ,
वीरों के वक्षस्थल पर विराट , ज्वाल- तापों को लिखें !

वीरों के चिंतन विराट , पुण्य सुदीर्घ प्रतापों को लिखें ;
रण में -वन में- समरांगण में , घोर शत्रु विलापों को लिखें !
अभी समर भयंकर है भारी , भैरवी-रणचण्डी, हुंकारें लिखें ;
अखण्ड भारत विस्तारों में , शत्रुञ्जय दुर्दमनीय तलवारें लिखें !

अखण्ड भारत अमर रहे !

✍? आलोक पाण्डेय ‘विश्वबन्धु’
पौष शुक्ल षष्ठी

Language: Hindi
515 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Every morning, A teacher rises in me
Every morning, A teacher rises in me
Ankita Patel
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
माँ की चाह
माँ की चाह
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
इसरो का आदित्य
इसरो का आदित्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
My Expressions
My Expressions
Shyam Sundar Subramanian
ये दिन है भारत को विश्वगुरु होने का,
ये दिन है भारत को विश्वगुरु होने का,
शिव प्रताप लोधी
ये जो लोग दावे करते हैं न
ये जो लोग दावे करते हैं न
ruby kumari
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
मुस्कुराओ तो सही
मुस्कुराओ तो सही
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
खुदारा मुझे भी दुआ दीजिए।
खुदारा मुझे भी दुआ दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
2317.पूर्णिका
2317.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-541💐
💐प्रेम कौतुक-541💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यदि आप अपनी असफलता से संतुष्ट हैं
यदि आप अपनी असफलता से संतुष्ट हैं
Paras Nath Jha
ग़ज़ल/नज़्म - न जाने किस क़दर भरी थी जीने की आरज़ू उसमें
ग़ज़ल/नज़्म - न जाने किस क़दर भरी थी जीने की आरज़ू उसमें
अनिल कुमार
जिससे एक मर्तबा प्रेम हो जाए
जिससे एक मर्तबा प्रेम हो जाए
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
पालनहार
पालनहार
Buddha Prakash
झरोखा
झरोखा
Sandeep Pande
वक्त निकल जाने के बाद.....
वक्त निकल जाने के बाद.....
ओसमणी साहू 'ओश'
आज कोई नही अनजान,
आज कोई नही अनजान,
pravin sharma
अपने हाथ,
अपने हाथ,
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
परिवार
परिवार
नवीन जोशी 'नवल'
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
Khem Kiran Saini
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
कवि रमेशराज
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
Shweta Soni
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यादों के जंगल में
यादों के जंगल में
Surinder blackpen
M.A वाले बालक ने जब तलवे तलना सीखा था
M.A वाले बालक ने जब तलवे तलना सीखा था
प्रेमदास वसु सुरेखा
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Ram Krishan Rastogi
हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस
हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
Loading...