Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2021 · 1 min read

दुनिया में हाहाकार

जब मानवता होती शर्मसार ,प्रकृति छोड़ देती है साथ।
प्रलय-आपात छा जाता है,हर-ओर हाहाकार मच जाता है।

लोक,शासन,प्रशासन सब मारे-मारे फिरते हैं,अफ़सोस अपनी करनी पर पश्चाताप के साथ करते हैं।

ऐसे ही हाहाकार मचाये एक बीमारी आयी है।
सड़कों पर सन्नाटा बुनकर सिर्फ़ अकेले छायी है।।

जन्म लिया वुहान शहर में, पली बढ़ी फ्रांस ,इटली अमेरिका।
बिन बीजा बिन पासपोर्ट के, शैर किया है सभी देशों का।।

संक्रमण की बीमारी है , बनी ये महामारी है।
इससे संक्रमित जो मिले हैं, दमा, खाँसी, सर्दी,ज़ुखाम लिये हैं।।

रोग प्रतिरोधक कम होने से, पकड़ लेता है सिर्फ़ छुने से।
फेफड़े को बीमार बनाता, फिर कोई उपाय काम न आता।।

अदृश्य रूप में रहती है ,स्पर्श से साथ आ जाती है।
चौदह दिनों में ये अपना पूर्ण प्रभाव दिखाती है।।

स्वास्थ्य संगठनों ने इसे महामारी कह चिंता जताया है।
महामारी के इस कारण को corona virus या covid19 बताया है।

बुढ्ढे, बच्चे या हो जवान, सभी को कर सकता है बीमार।
दुःखी, इस बात से है संसार, नहीं है इसका समुचित उपचार।।

इससे गर बचना है हमको, दूरी ,मास्क, सेनेटाइजर रखना है हम सबको।
नही है कोई और उपाय , स्वयं की सुरक्षा एक उपाय।

MARS, SARS जैसे मिट गये,कोरोनाकाल भी मिट जायेगा।
डटे रहें चुनौतियों संग निष्ठा से,हर समस्या हल हो जायेगा।।

मानव जीवन अनमोल रत्न है, सदा रखें इसे सजाकर।
भेदभाव,संकीर्णता से प्रतिपल रखें इसे बचाकर।।

सर्वेश यादव,शोधार्थी

Language: Hindi
348 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एक खूबसूरत पिंजरे जैसा था ,
एक खूबसूरत पिंजरे जैसा था ,
लक्ष्मी सिंह
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
पिया घर बरखा
पिया घर बरखा
Kanchan Khanna
रंग पंचमी
रंग पंचमी
जगदीश लववंशी
पिछले पन्ने 8
पिछले पन्ने 8
Paras Nath Jha
एकांत बनाम एकाकीपन
एकांत बनाम एकाकीपन
Sandeep Pande
बिल्ली की तो हुई सगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*सफल कौवा 【बाल कविता】*
*सफल कौवा 【बाल कविता】*
Ravi Prakash
दोयम दर्जे के लोग
दोयम दर्जे के लोग
Sanjay ' शून्य'
जब कोई साथ नहीं जाएगा
जब कोई साथ नहीं जाएगा
KAJAL NAGAR
सफ़र जिंदगी का (कविता)
सफ़र जिंदगी का (कविता)
Indu Singh
फिक्र (एक सवाल)
फिक्र (एक सवाल)
umesh mehra
"एको देवः केशवो वा शिवो वा एकं मित्रं भूपतिर्वा यतिर्वा ।
Mukul Koushik
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
gurudeenverma198
मनोहन
मनोहन
Seema gupta,Alwar
3075.*पूर्णिका*
3075.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यादें
यादें
Tarkeshwari 'sudhi'
**वसन्त का स्वागत है*
**वसन्त का स्वागत है*
Mohan Pandey
गुरु रामदास
गुरु रामदास
कवि रमेशराज
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
Dr Manju Saini
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
खूबसूरती
खूबसूरती
RAKESH RAKESH
मुझे अधूरा ही रहने दो....
मुझे अधूरा ही रहने दो....
Santosh Soni
कौन कहता है कि नदी सागर में
कौन कहता है कि नदी सागर में
Anil Mishra Prahari
■ होशियार भून रहे हैं। बावले भुनभुना रहे हैं।😊
■ होशियार भून रहे हैं। बावले भुनभुना रहे हैं।😊
*Author प्रणय प्रभात*
शब्द : दो
शब्द : दो
abhishek rajak
" मंजिल का पता ना दो "
Aarti sirsat
*पशु- पक्षियों की आवाजें*
*पशु- पक्षियों की आवाजें*
Dushyant Kumar
*आओ मिलकर नया साल मनाएं*
*आओ मिलकर नया साल मनाएं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...