Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2018 · 1 min read

दुख में ही भगवान को………

दुख में ही भगवान को………
बहुत पुरानी बात हैं,किशनगढ़ के राजा ने अपनी प्रजा की नियत के बारे में पता लगाने के लिए सेनापति को बुलाया और एक आदेश पारित किया की सुखो व दुखो की पोटलिया बनाकर गाँवो के एक-एक मंचो पर रख दी जायें और ढिढोरा पिट वा कर पोटलियों को उठाने के लिए कहा जायें, कुछ समय बाद पता चला की सुखों की पोटलियाओं का पता ही नही चला सब ख़त्म हो गयी,दुखों की पोटलियों पर किसी ने हाथ नही लगाया.
राजा उधर से निकले जा रहे थे की इधर एक निर्धन व्यक्ति दुखों की पोटलियों ले कर चल दिया राजा यह सब देख रहे थे,राजा ने तुरंत सेनापति को आदेश दिया कि उस निर्धन व्यक्ति को महल में बुलाया जायें ,निर्धन व्यक्ति को महल में पेश किया गया,राजा ने खड़े हो कर सम्मान किया और सम्मान पूर्वक उसे अपने पास बिताया और दुखों की पोटलियों उठाने का कारण पूछा,बहुत आग्रह करने पर निर्धन ने जवाब दिया , हे महाराज दुखों की पोटली उठाने का बस एक ही कारण हैं,दुखों में ही भगवान को याद किया जाता हैं,उतना ही भगवान पास होता हैं,निर्धन की बात सुन कर राजा की आँखे खुल गई(राजा को भी ज्ञान हो गया)और राजा ने सेनापति को आदेश दिया की निर्धन महान आत्मा को हमारे राज्य का पुरोहित नियुक्त किया जाए.

Language: Hindi
212 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ अधिकांश राजनेता और अफ़सर।।
■ अधिकांश राजनेता और अफ़सर।।
*Author प्रणय प्रभात*
"मातृत्व"
Dr. Kishan tandon kranti
बारिश की संध्या
बारिश की संध्या
महेश चन्द्र त्रिपाठी
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
Taj Mohammad
उम्र के इस पडाव
उम्र के इस पडाव
Bodhisatva kastooriya
सपनो में देखूं तुम्हें तो
सपनो में देखूं तुम्हें तो
Aditya Prakash
जिंदगी जीने के लिए जिंदा होना जरूरी है।
जिंदगी जीने के लिए जिंदा होना जरूरी है।
Aniruddh Pandey
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बावला
बावला
Ajay Mishra
इक अजीब सी उलझन है सीने में
इक अजीब सी उलझन है सीने में
करन ''केसरा''
2763. *पूर्णिका*
2763. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
************ कृष्ण -लीला ***********
************ कृष्ण -लीला ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
ruby kumari
*माँ शारदे वन्दना
*माँ शारदे वन्दना
संजय कुमार संजू
भारत है वो फूल (कविता)
भारत है वो फूल (कविता)
Baal Kavi Aditya Kumar
कारगिल युद्ध फतह दिवस
कारगिल युद्ध फतह दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरी माटी मेरा देश🇮🇳🇮🇳
मेरी माटी मेरा देश🇮🇳🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
भीतर का तूफान
भीतर का तूफान
Sandeep Pande
कर दो बहाल पुरानी पेंशन
कर दो बहाल पुरानी पेंशन
gurudeenverma198
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Sanjay ' शून्य'
बेटी
बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बुद्ध मैत्री है, ज्ञान के खोजी है।
बुद्ध मैत्री है, ज्ञान के खोजी है।
Buddha Prakash
आंखे बाते जुल्फे मुस्कुराहटे एक साथ में ही वार कर रही हो,
आंखे बाते जुल्फे मुस्कुराहटे एक साथ में ही वार कर रही हो,
Vishal babu (vishu)
कर बैठे कुछ और हम
कर बैठे कुछ और हम
Basant Bhagawan Roy
यादों की तुरपाई कर दें
यादों की तुरपाई कर दें
Shweta Soni
4) धन्य है सफर
4) धन्य है सफर
पूनम झा 'प्रथमा'
जीभ/जिह्वा
जीभ/जिह्वा
लक्ष्मी सिंह
कविताएँ
कविताएँ
Shyam Pandey
Loading...