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28 Jun 2020 · 1 min read

दीवानी वो लड़की

मुहब्बत में डूबी दीवानी वो लड़की।
नशा अपना मुझ पर चढ़ाती वो लड़की।।

मेरे सामने जब भी पड़ती कभी तो।
दुपट्टे को मुंह से दबाती वो लड़की।।

इक़ामत था उसका बगल में मेरे तो।
हमें देखने छत पे आती वो लड़की।।

कभी साथ चलने की कसमें जो खाती
भंवर बीच हमको डुबाती वो लड़की।।

कभी जिसने हमसे मुहब्बत करी थी।
वही सारी यादें मिटाती वो लड़की।।

सिला ‘देव’ को ये मिला प्यार में बस।
रक़ीबो को अपना बनाती वो लड़की।।

—-(C) देवेन्द्र शर्मा ‘देव’

इक़ामत – निवास, आवास

2 Likes · 3 Comments · 642 Views
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