दीप जलाएं हम निष्काम
गीतिका ,मात्रा १६,१५
इस बार जलाएं इक दीपक,
अमर शहीदों के भी नाम।
हम घर में दीवाली करते ,
वो सरहद पर करते काम।।
मौज़ मनाते मस्ती करते ,
बिना फिक्र के सुबहो शाम।
नींद चैन से लेते घर में ,
करते हैं हम सुख बिश्राम।।
धुआँ प्रदूषण रोके हम सब,
दीप जलाएं हम निष्काम।