Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2019 · 1 min read

दीपावलीमनाओ रे भाई

‘दीपावली’ मनाओ रे भाई
दीपावली हाँ-हाँ दीपावली
‘दीपावली’ मनाओ रे भाई

श्रद्धा’ का दीपक ज्ञान की बाती
हर दिन दिल में जलाओ रे भाई
दीपावली हाँ-हाँ दीपावली

सत्य’ के मार्ग पे हमेसा चले जो
उसे ‘याद’ रहता’ सब है जुवानी
दीपावली हाँ-हाँ दीपावली

‘धीरेन्द्र वर्मा’

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 365 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सत्य खोज लिया है जब
सत्य खोज लिया है जब
Buddha Prakash
लिखें और लोगों से जुड़ना सीखें
लिखें और लोगों से जुड़ना सीखें
DrLakshman Jha Parimal
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
विमला महरिया मौज
आज के रिश्ते
आज के रिश्ते
पूर्वार्थ
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
💐प्रेम कौतुक-499💐
💐प्रेम कौतुक-499💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बंद लिफाफों में न करो कैद जिन्दगी को
बंद लिफाफों में न करो कैद जिन्दगी को
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"अच्छे साहित्यकार"
Dr. Kishan tandon kranti
*नदी नहीं है केवल गंगा, देवलोक का गान है (गीत)*
*नदी नहीं है केवल गंगा, देवलोक का गान है (गीत)*
Ravi Prakash
पते की बात - दीपक नीलपदम्
पते की बात - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
लेखनी
लेखनी
Prakash Chandra
रुसवा दिल
रुसवा दिल
Akash Yadav
ज़रा-सी बात चुभ जाये,  तो नाते टूट जाते हैं
ज़रा-सी बात चुभ जाये, तो नाते टूट जाते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुमसे मोहब्बत हमको नहीं क्यों
तुमसे मोहब्बत हमको नहीं क्यों
gurudeenverma198
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
Anand Kumar
आप वही करें जिससे आपको प्रसन्नता मिलती है।
आप वही करें जिससे आपको प्रसन्नता मिलती है।
लक्ष्मी सिंह
जन्म दिवस
जन्म दिवस
Jatashankar Prajapati
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
VINOD CHAUHAN
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कोई अपनों को उठाने में लगा है दिन रात
कोई अपनों को उठाने में लगा है दिन रात
Shivkumar Bilagrami
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
बातें करते प्यार की,
बातें करते प्यार की,
sushil sarna
मंजिल छूते कदम
मंजिल छूते कदम
Arti Bhadauria
'व्यथित मानवता'
'व्यथित मानवता'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
उनसे कहना अभी मौत से डरा नहीं हूं मैं
उनसे कहना अभी मौत से डरा नहीं हूं मैं
Phool gufran
हमारे प्यार का आलम,
हमारे प्यार का आलम,
Satish Srijan
■दोहा■
■दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
तेरे प्यार के राहों के पथ में
तेरे प्यार के राहों के पथ में
singh kunwar sarvendra vikram
Loading...