Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2019 · 1 min read

दिव्यमाला अंक 23

गतांक से आगे……

दिव्य कृष्ण लीला ….अंक 23
*********मिट्टी की महिमा*
***********************************************

एक जरा सी बात के खातिर,सर पर गगन उठा डाला।

खोल कान्ह ने मुखमण्डल को,पूरा ब्रम्हांड दिखा डाला।

नाग लोक ,पाताल लोक क्या , भविष्य भूत बता डाला।

माता देखे सुधबुध खोकर ,सारा अज्ञान मिटा डाला।

हे कान्हा तोरे पांव पड़ूँ..बस अब मान.. कहाँ सम्भव।

हे पूर्णकला के अवतारी………..45
**…****************************
कहते है ब्रज की रज से तो ,विष भी इमरत होता है।

दांतो पर जो जहर लगा था ,उसका मरहम होता है।
(पूतना वाला ज़हर)
जो माटी में खेले कूदे ,उसमे दमखम होता है।

धरा रसा है तो सब रस से, वो धीरज धारक होता है।
(तीनो गुण को धारण करने वाली धरती)

माटी खाने वाला करता , माटी सम्मान .कहाँ सम्भव?

हे पूर्ण कला के अवतारी तेरा यशगान….सम्भव।। 46
*
क्रमशः अगले अंक में
*
कलम घिसाई
©®
कॉपी राइट
9414764891

Language: Hindi
Tag: गीत
189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
sushil sarna
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
🥰 होली पर कुछ लेख 🥰
🥰 होली पर कुछ लेख 🥰
Swati
अंदाज़-ऐ बयां
अंदाज़-ऐ बयां
अखिलेश 'अखिल'
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
3284.*पूर्णिका*
3284.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रथम किरण नव वर्ष की।
प्रथम किरण नव वर्ष की।
Vedha Singh
अदरक वाला स्वाद
अदरक वाला स्वाद
दुष्यन्त 'बाबा'
*
*"मजदूर की दो जून रोटी"*
Shashi kala vyas
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मेरा प्रयास ही है, मेरा हथियार किसी चीज को पाने के लिए ।
मेरा प्रयास ही है, मेरा हथियार किसी चीज को पाने के लिए ।
Ashish shukla
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
ओसमणी साहू 'ओश'
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
Phool gufran
आंखो के पलको पर जब राज तुम्हारा होता है
आंखो के पलको पर जब राज तुम्हारा होता है
Kunal Prashant
सच
सच
Sanjeev Kumar mishra
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
“बदलते रिश्ते”
“बदलते रिश्ते”
पंकज कुमार कर्ण
सुन लो मंगल कामनायें
सुन लो मंगल कामनायें
Buddha Prakash
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
डी. के. निवातिया
छात्रों का विरोध स्वर
छात्रों का विरोध स्वर
Rj Anand Prajapati
💐💐नेक्स्ट जेनरेशन💐💐
💐💐नेक्स्ट जेनरेशन💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बेशक़ कमियाँ मुझमें निकाल
बेशक़ कमियाँ मुझमें निकाल
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तुम सात जन्मों की बात करते हो,
तुम सात जन्मों की बात करते हो,
लक्ष्मी सिंह
आपदा से सहमा आदमी
आपदा से सहमा आदमी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हाथी के दांत
हाथी के दांत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सत्य मिलता कहाँ है?
सत्य मिलता कहाँ है?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ऐतबार कर बैठा
ऐतबार कर बैठा
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
सिलसिले
सिलसिले
Dr. Kishan tandon kranti
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...