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20 Aug 2017 · 1 min read

दिल

धड़कने धड़क ने से
बनती नहीं है दिल,
दिल को पूर्ण करती है
जज्बातों की गठरी ,
जैसे आकाश की शून्यता
पुरी करती है
सूरज, चाँद, सितारें और
बादलो की गठरी ।

Language: Hindi
616 Views
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