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2 Jul 2021 · 1 min read

दिल

दिल उसको ढूँढता कहाँ है
शीशे सा दीखता कहाँ है

घाव हुए है जो दिल मेरे
आज उसे पौंछता कहाँ है

दर्द देकर जब तू चला गया
जेहन अब झेलता कहाँ है

रोज ख्याव मेहबूब के देखे
पर उसको भी ताँकता कहाँ है

दिलवर के लिए न अब कोई
अपने को मारता कहाँ है

Language: Hindi
76 Likes · 2 Comments · 335 Views
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