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21 Nov 2017 · 1 min read

दिल से दिल मिल जाए तो

दिल से दिल मिल जाए तो
दूरीयाँ अच्छी नही लगती

चलती हुई साँसे रुके तो
रुकी हुई साँसे अच्छी नही लगती

गुज़र जाता सफर तुम्हारे बिन भी
तुम्हारे बिन वो रातें भी अच्छी नही लगती

दर्द होता है जुदाई में मालूम है
खुश्क आँखों में बूंदे अच्छी नही लगती

चाँद तारों का संगम है सुनहरी रात
बिन जुगनु के रात भी अच्छी नही लगती

भूपेंद्र रावत
2।11।2017

1 Like · 204 Views
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