Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2017 · 1 min read

दिल से उसके जाने कैसा बैर निकला

दिल से उसके जाने कैसा बैर निकला
जिससे अपनापन मिला वो ग़ैर निकला

था करम उस पर ख़ुदा का इसलिए ही
डूबता वो शख़्स कैसा तैर निकला

मौज-मस्ती में आख़िर खो गया क्यों
जो बशर करने चमन की सैर निकला

सभ्यता किस दौर में पहुँची है आख़िर
बंद बोरी से कटा इक पैर निकला

वो वफ़ादारी में निकला यूँ अब्बल
आँसुओं में धुलके सारा बैर निकला

184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
■FACT■
■FACT■
*Author प्रणय प्रभात*
पेड़ - बाल कविता
पेड़ - बाल कविता
Kanchan Khanna
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
पूर्वार्थ
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
तेरे हक़ में
तेरे हक़ में
Dr fauzia Naseem shad
मुझे इस दुनिया ने सिखाया अदाबत करना।
मुझे इस दुनिया ने सिखाया अदाबत करना।
Phool gufran
कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा
कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
शिक्षार्थी को एक संदेश🕊️🙏
शिक्षार्थी को एक संदेश🕊️🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मै ठंठन गोपाल
मै ठंठन गोपाल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*शादी के पहले, शादी के बाद*
*शादी के पहले, शादी के बाद*
Dushyant Kumar
चिन्तन का आकाश
चिन्तन का आकाश
Dr. Kishan tandon kranti
*भूकंप का मज़हब* ( 20 of 25 )
*भूकंप का मज़हब* ( 20 of 25 )
Kshma Urmila
द्रोपदी का चीरहरण करने पर भी निर्वस्त्र नहीं हुई, परंतु पूरे
द्रोपदी का चीरहरण करने पर भी निर्वस्त्र नहीं हुई, परंतु पूरे
Sanjay ' शून्य'
24/248. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/248. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Badalo ki chirti hui meri khahish
Badalo ki chirti hui meri khahish
Sakshi Tripathi
इश्क़
इश्क़
हिमांशु Kulshrestha
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
19. कहानी
19. कहानी
Rajeev Dutta
आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
-- गुरु --
-- गुरु --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
क्या खूब दिन थे
क्या खूब दिन थे
Pratibha Pandey
आजकल रिश्तें और मक्कारी एक ही नाम है।
आजकल रिश्तें और मक्कारी एक ही नाम है।
Priya princess panwar
आर-पार की साँसें
आर-पार की साँसें
Dr. Sunita Singh
आजादी
आजादी
नूरफातिमा खातून नूरी
मित्र भेस में आजकल,
मित्र भेस में आजकल,
sushil sarna
अपना अनुपम देश है, भारतवर्ष महान ( कुंडलिया )*
अपना अनुपम देश है, भारतवर्ष महान ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
छोड़ जाएंगे
छोड़ जाएंगे
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
एक कुआ पुराना सा.. जिसको बने बीत गया जमाना सा..
एक कुआ पुराना सा.. जिसको बने बीत गया जमाना सा..
Shubham Pandey (S P)
सूरज आएगा Suraj Aayega
सूरज आएगा Suraj Aayega
Mohan Pandey
Loading...