Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2021 · 1 min read

दिल लगाने के बाद

इन शायरो ने मोहब्बत को यूंही बदनाम कर रक्खा है
हुआ अहसास मुझको ये दिल लगाने के बाद

इक यह भी वजह बना मेरे शायरी में दर्द ना होने का
कोई तोड़ा नहीं दिल , दिल लगाने के बाद

हमसे कुछ याद रखने कि उम्मीद ना करें
हम सांस लेना भूल जाते है छोड़ने के बाद

हम तो बर्बाद होकर भी वहीं पर खड़े हैं
वो शख्स ना जाने किधर गया दिल तोड़ने के बाद

डेढ़ सौ का गुलाब देकर किया था इजहार-ए-मोहब्बत
सोच कर हंसी आई है दिल टूटने के बाद

मोहब्बत में धोखा मिला ये कोई खास बात नहीं
बहोत कम ही लोग हंसे होंगे लूटने के बाद

ज़रूरी नहीं जो हँस रहा है वो भीतर से भी खुश है
अक्सर यहां रो देते है लोग मुस्कुराने के बाद

जब तक जिन्दगी है तब तक मसरूफियत भी है
अक्सर हम परेशान हो जाते है चैन आने के बाद

~विनीत सिंह
VINIT SINGH Shayar

1 Like · 174 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तन्हाई
तन्हाई
Surinder blackpen
***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
पाई फागुन में गई, सिर्फ विलक्षण बात (कुंडलिया)
पाई फागुन में गई, सिर्फ विलक्षण बात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*सम्मति*
*सम्मति*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ज़रा मुस्क़ुरा दो
ज़रा मुस्क़ुरा दो
आर.एस. 'प्रीतम'
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
ज़िंदगी ज़िंदगी ही होतीं हैं
Dr fauzia Naseem shad
होली के त्यौहार पर तीन कुण्डलिया
होली के त्यौहार पर तीन कुण्डलिया
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
Kumar lalit
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
कान्हा प्रीति बँध चली,
कान्हा प्रीति बँध चली,
Neelam Sharma
पुलवामा हमले पर शहीदों को नमन चार पंक्तियां
पुलवामा हमले पर शहीदों को नमन चार पंक्तियां
कवि दीपक बवेजा
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
Shweta Soni
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
ज़हन खामोश होकर भी नदारत करता रहता है।
Phool gufran
"रोटी और कविता"
Dr. Kishan tandon kranti
Second Chance
Second Chance
Pooja Singh
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
कवि रमेशराज
हमसफ़र
हमसफ़र
अखिलेश 'अखिल'
शिक्षक है आदर्श हमारा
शिक्षक है आदर्श हमारा
Harminder Kaur
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कुछ तो गम-ए-हिज्र था,कुछ तेरी बेवफाई भी।
कुछ तो गम-ए-हिज्र था,कुछ तेरी बेवफाई भी।
पूर्वार्थ
सावन का महीना
सावन का महीना
विजय कुमार अग्रवाल
2978.*पूर्णिका*
2978.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अगर
अगर "स्टैच्यू" कह के रोक लेते समय को ........
Atul "Krishn"
वफा माँगी थी
वफा माँगी थी
Swami Ganganiya
करें आराधना मां की, आ गए नौ दिन शक्ति के।
करें आराधना मां की, आ गए नौ दिन शक्ति के।
umesh mehra
#लघुकविता
#लघुकविता
*Author प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
मेरी जन्नत
मेरी जन्नत
Satish Srijan
💐अज्ञात के प्रति-43💐
💐अज्ञात के प्रति-43💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आओ चले अब बुद्ध की ओर
आओ चले अब बुद्ध की ओर
Buddha Prakash
Loading...