दिल फेक है
बड़े दिल फेक है, साहब.
तुम्हारे शहर के चाहने वाले।
सब ने दिल में ख्वाहिशे रखी.
आपको बेताब चाहने वाले.
सब्र रख मेहविश अपने इत्तदा पर.
हर किसी को ख्वाहिश आपके इश्क़ की.
जरा मगरूर है, तेरे चाहने वाले.
इतना भी बेवफा न हो मेहविश।
इतना भी खामोश न हो हमदम.
हम इत्तदा करते रहे नवाज़िश.
साबरा रख मेहविश अपने तम्मना की.
हर किसी को ख्वाइश आपके इश्क़ की.
अवधेश कुमार राय.
धनबाद झारखण्ड