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11 Nov 2017 · 1 min read

दिल क्यूं तुझ पर मरता है..

भरे हैं आंख में आंसू
फिर भी मुस्कुरा लेते हैं

इनमे कुछ राज है
जो अक्सर छुपा लेते हैं

जुंबा खामोश रहती है
बातें रोज भी तुझसे करता हूं

प्यार होता है ऐसा
तब तो आज भी तुझ पर मरता हूं

तपन तो सूरज से होती है
धरती को तपना पड़ता है

न जाने आज भी जालिम
दिल क्यों तुझ पर मरता है!!

Language: Hindi
256 Views
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