Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2017 · 2 min read

$$~~ दिल को छूती -बेटी की बातें~~$$

ऑफिस से थक कर
जब में पहुंचा अपने घर
तो था बड़ा
परेशां
सोचा की थकावट उतार कर
खुद को संभाल लूं
सोच कभी पूरी
नहीं होता
सब जानते हैं
बस पल बिता था
की मेरी नन्ही सी परी
लिपट गयी भाग कर
पापा आये, पापा आये
कुछ पल तो मैंने
उस के संग थे बिताये
उस की ख़ुशी के लिए
वरना वो कहती है
मम्मी क्या पापा
घर में बस सोने की लिए आये
सुन चूका था में
इन शब्दों को कई बार
पर क्या करून था बड़ा लाचार
सामने सुनकर उस की
माँ से में हो गया और भी लाचार
भूल गया अपनी थकावट
ले चला उस को बहलाने को
कभी कंधे पर
और कभी थोडा बाज़ार
मन था बड़ा व्याकुल
इस विपदा को कैसे कहूं
कौन सुनेगा मेरी
क्यूं की सब का मुझ पर
जो पड़ गया भार
नहीं तोड़ सकता था
उस मासूम के कथन को
नहीं ला सकता था
आंसू उस की आँखों पर
भूल गया सब कुछ
बस याद रहा तो वो बचपन
जो मैने कभी
बिताया था
अपने पापा के कंधे पर चढ़कर
समझ सकता हूँ वो
कल्पना कर सकता हूँ वो
जिस की फ़रियाद में
न जाने कितने
मासूम से बच्चे
जिन के पापा मेरी तरह
और उनकी तरह तो रोजाना
घर से निकलते हैं
इस पापी पेट की खातिर
सहन करते हैं
ऑफिस की न जाने कितनी बाते
जो खुद को गवारा नहीं होती
बस उन चेहरों के
लिए
यह जिन्दगी तो है..बस जीनी पड़ती ….

अंत में..
जिन्दगी तो जिन्दा दिली का नाम है दोस्त
मुर्दे क्या खाक जिया करते हैं…
हम तो सफर पर रोजाना निकलते हैं
यह सोच कर…की जिन्दा हैं तो हैं ??
वरना कफ़न में लिपट कर मिला करते हैं !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
443 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
*दिल में  बसाई तस्वीर है*
*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
Manisha Manjari
किसी के दिल में चाह तो ,
किसी के दिल में चाह तो ,
Manju sagar
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
न मैंने अबतक बुद्धत्व प्राप्त किया है
ruby kumari
एक फूल
एक फूल
Anil "Aadarsh"
अक्षर ज्ञान नहीं है बल्कि उस अक्षर का को सही जगह पर उपयोग कर
अक्षर ज्ञान नहीं है बल्कि उस अक्षर का को सही जगह पर उपयोग कर
Rj Anand Prajapati
शिक्षा एवं धर्म
शिक्षा एवं धर्म
Abhineet Mittal
💐प्रेम कौतुक-221💐
💐प्रेम कौतुक-221💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"निर्णय आपका"
Dr. Kishan tandon kranti
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
सदियों से रस्सी रही,
सदियों से रस्सी रही,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
एक समय के बाद
एक समय के बाद
हिमांशु Kulshrestha
■ सार संक्षेप...
■ सार संक्षेप...
*Author प्रणय प्रभात*
कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं,
कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं,
Vindhya Prakash Mishra
*आम आदमी क्या कर लेगा, जब चाहे दुत्कारो (मुक्तक)*
*आम आदमी क्या कर लेगा, जब चाहे दुत्कारो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
निर्माण विध्वंस तुम्हारे हाथ
निर्माण विध्वंस तुम्हारे हाथ
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ज़िंदगी एक जाम है
ज़िंदगी एक जाम है
Shekhar Chandra Mitra
हालात और मुकद्दर का
हालात और मुकद्दर का
Dr fauzia Naseem shad
कौन कहता है ज़ज्बात के रंग होते नहीं
कौन कहता है ज़ज्बात के रंग होते नहीं
Shweta Soni
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अजब गजब
अजब गजब
साहिल
जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर
जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
Pramila sultan
पीर पराई
पीर पराई
Satish Srijan
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
Shivkumar Bilagrami
2851.*पूर्णिका*
2851.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
बड़ा गहरा रिश्ता है जनाब
शेखर सिंह
जी रही हूँ
जी रही हूँ
Pratibha Pandey
मुहब्बत हुयी थी
मुहब्बत हुयी थी
shabina. Naaz
दिल में है जो बात
दिल में है जो बात
Surinder blackpen
Loading...