दिल के हालात हमको कहने दो
दिल के हालात हमको कहने दो
महके जज्बात हमको कहने दो
काली जुल्फों में चाँद निकला है
चाँदनी रात हमको कहने दो
इसने रोशन हमारी की दुनिया
प्यार सौगात हमको कहने दो
आँसुओं में बहेंगे गम सारे
होगी बरसात ,हमको कहने दो
दीप कुछ तो जला दो आशा के
दिन को मत रात हमको कहने दो
यूँ ही टकराने को हमारे तुम
अब मुलाकात हमको कहने दो
बोझ बातों का दिल पे है भारी
करने निर्वात ,हमको कहने दो
कह दो मजबूरियां सभी अपनी
मत उन्हें घात हमको कहने दो
‘अर्चना’ काफिले हैं यादों के
कहते बारात, हमको कहने दो
09-12-2017
डॉ अर्चना गुप्ता