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8 Sep 2019 · 1 min read

दिल के बड़े धनी पर, धन से गरीब हैं हम

दिल के बड़े धनी पर, धन से गरीब हैं हम
हँसते रहें ग़मों में , कुछ तो अजीब हैं हम
हमको सदा मिली है , दीवार बीच धन की
है झूठ बात जब वो , कहते करीब हैं हम
दिल के बड़े धनी पर ……………….

तुम बाद में हमें भी ,देखो भुला न देना
फिर याद आ हमें यूँ ,देखो रुला न देना
हम जी नहीं सकेंगे ,बिल्कुल बिना तुम्हारे
यूँ नींद मौत की अब, हमको सुला न देना
तुमको पता नहीं ये ,बस बदनसीब हैं हम
दिल के बड़े धनी पर ……………….

जिसका नहीं है कोई ,दे ठोकरें जमाना
देखो रिवाज़ कोई ,ये है नहीं पुराना
रिश्ते सँभाल रखना ,तुम इसलिये हमेशा
रूठे हुए जो अपने ,जाकर उन्हें मनाना
यदि पास आज रिश्ते तो खुशनसीब हैं हम
दिल के बड़े धनी पर ……………….

आई खबर पिया की ,बैठी सिंगार करके
मोहित हुई खुदी पर दर्पण निहार करके
पागल हुई पवन है ,जुल्फें उड़ा रही है
इक डोर बाँध ली है , उनको सँवार करके
मेरा नसीब वो हैं ,उनका नसीब हैं हम
दिल के बड़े धनी पर ……………….

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 372 Views
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