Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2017 · 1 min read

दिल के अऱमा

मेरे दिल के सारे अरमां,कविता और गजलो मे डाले
कविताऔर गजलें लिख -लिख,दिल पर पड गय थोड़े जाले
कविता और गजलों में, ना लिखा तेरा नाम कभी
वैन गंगा से भी, ना भेजा पैगाम कभी ..
.
खुस रहते होंगे वो,पर ना मिली मुझे खुशी, पर ना होना तुम दुखी ,मुझे बस अपने जीने दो
कविता और गजलों में, बस मेरे अरमा लिखने दो

रंजीत घोसी

Language: Hindi
527 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
Abhishek Soni
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
कबीर का पैगाम
कबीर का पैगाम
Shekhar Chandra Mitra
*आयु पूर्ण कर अपनी-अपनी, सब दुनिया से जाते (मुक्तक)*
*आयु पूर्ण कर अपनी-अपनी, सब दुनिया से जाते (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सभी धर्म महान
सभी धर्म महान
RAKESH RAKESH
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
تہذیب بھلا بیٹھے
تہذیب بھلا بیٹھے
Ahtesham Ahmad
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
सौतियाडाह
सौतियाडाह
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
2362.पूर्णिका
2362.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें
हाँ बहुत प्रेम करती हूँ तुम्हें
Saraswati Bajpai
महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी
महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी
Seema gupta,Alwar
पत्थर जैसा दिल बना हो जिसका
पत्थर जैसा दिल बना हो जिसका
Ram Krishan Rastogi
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
Dr MusafiR BaithA
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
उम्र गुजर रही है अंतहीन चाह में
उम्र गुजर रही है अंतहीन चाह में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पतग की परिणीति
पतग की परिणीति
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
THE MUDGILS.
THE MUDGILS.
Dhriti Mishra
मुझे इश्क से नहीं,झूठ से नफरत है।
मुझे इश्क से नहीं,झूठ से नफरत है।
लक्ष्मी सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
😊#लघु_व्यंग्य
😊#लघु_व्यंग्य
*Author प्रणय प्रभात*
ममतामयी मां
ममतामयी मां
SATPAL CHAUHAN
गुरु ही वर्ण गुरु ही संवाद ?🙏🙏
गुरु ही वर्ण गुरु ही संवाद ?🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
-- कैसा बुजुर्ग --
-- कैसा बुजुर्ग --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
साँझ ढले ही आ बसा, पलकों में अज्ञात।
साँझ ढले ही आ बसा, पलकों में अज्ञात।
डॉ.सीमा अग्रवाल
किसी पर हक हो ना हो
किसी पर हक हो ना हो
shabina. Naaz
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
अरशद रसूल बदायूंनी
"दुमका संस्मरण 3" परिवहन सेवा (1965)
DrLakshman Jha Parimal
Loading...