दिल की सुन
#प्रेम…
चल…
तू दिमाग की मान
व्यवसाय
राजनीति
कूटनीति से
अर्श को छु ले…
मैं…
प्रेम
प्यार
प्रीत
मीत के संगीत पे
कभी हार चख लेती हूं
कभी जीत के फर्श पे
हुमकता पग रख लेती हूं
चल…
मैं दिल कि ही सुन लेती हूं
दिमाग तेरे हिस्से में रख देती हूं
???
~ पुर्दिल सिद्धार्थ