दिलों में चिराग जलने दो
दिलों में चिराग जलने दो
प्यार बेशुमार पलने दो
मिट जाएं नफरतों के अंधेरे
प्रेम प्रीत की उजास
हर एक दिल में भरने दो
बहुत हो गया हिंसा द्वेष
जहां मैं अब प्यार बरसने दो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दिलों में चिराग जलने दो
प्यार बेशुमार पलने दो
मिट जाएं नफरतों के अंधेरे
प्रेम प्रीत की उजास
हर एक दिल में भरने दो
बहुत हो गया हिंसा द्वेष
जहां मैं अब प्यार बरसने दो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी