Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2017 · 1 min read

दिखा नुकसान जो अपना

कहीं पे चुप से रहते
कहीं हम बोल जाते हैं
जो होतीं राज की बातें
उसे हम खोल जाते हैं।
करे नुकसान किसी का जो
उससे फर्क नहीं कोई
दिखा नुकसान जो अपना
वहीं हम बोल जाते हैं।
हमें नहीं देश की चिंता
नहीं अपमान का भय है
भले हो लाश में लिपटी
धन की चाह प्रबल हैं,
जहाँ से लाभ हो अपना
वही सर को झुकाते हैं
दिखा नुकसान जो थोड़ा
वहीं हम बोल जाते हैं।
कटे चाहे शीश सैनिक का
हमें अफसोस है कैसा?
मिटे चाहे राष्ट्र की गरिमा
हमें इससे है क्या करना?
कटा जो सीन पिक्चर का
वही मुख खोल जाते हैं,
दिखा नुकसान जो थोड़ा
वही हम बोल जाते हैं।
बात जो राष्ट्र धर्म की हो
तो गाने हम सुनाते है
बता कर राष्ट्र का बेटा
निभाते फर्ज अपना हैं
जो आई बात मरने की
वहीं मुख मोड़ जाते हैं,
दिखा नुकसान जो थोड़ा
वही हम बोल जाते हैं।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
9560335952

Language: Hindi
218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
Seema Verma
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
नशा नाश की गैल हैं ।।
नशा नाश की गैल हैं ।।
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
अनंत की ओर _ 1 of 25
अनंत की ओर _ 1 of 25
Kshma Urmila
दगा बाज़ आसूं
दगा बाज़ आसूं
Surya Barman
ज़िंदगी में बेहतर
ज़िंदगी में बेहतर
Dr fauzia Naseem shad
मेरे पापा
मेरे पापा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फ़साने
फ़साने
अखिलेश 'अखिल'
अकेला बेटा........
अकेला बेटा........
पूर्वार्थ
2411.पूर्णिका
2411.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
🤗🤗क्या खोजते हो दुनिता में  जब सब कुछ तेरे अन्दर है क्यों दे
🤗🤗क्या खोजते हो दुनिता में जब सब कुछ तेरे अन्दर है क्यों दे
Swati
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
gurudeenverma198
मैं तुम्हें यूँ ही
मैं तुम्हें यूँ ही
हिमांशु Kulshrestha
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
तेरी चाहत हमारी फितरत
तेरी चाहत हमारी फितरत
Dr. Man Mohan Krishna
साहस है तो !
साहस है तो !
Ramswaroop Dinkar
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
*फागुन कह रहा मन से( गीत)*
*फागुन कह रहा मन से( गीत)*
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
ऊँचाई .....
ऊँचाई .....
sushil sarna
💐प्रेम कौतुक-311💐
💐प्रेम कौतुक-311💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हे पैमाना पुराना
हे पैमाना पुराना
Swami Ganganiya
बैगन के तरकारी
बैगन के तरकारी
Ranjeet Kumar
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
Neelam Sharma
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
हवाओं ने पतझड़ में, साजिशों का सहारा लिया,
Manisha Manjari
#पितृदोष_मुक्ति_योजना😊😊
#पितृदोष_मुक्ति_योजना😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
कविता -
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
Anand Sharma
Loading...