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17 Jul 2017 · 1 min read

दिखा नुकसान जो अपना

कहीं पे चुप से रहते
कहीं हम बोल जाते हैं
जो होतीं राज की बातें
उसे हम खोल जाते हैं।
करे नुकसान किसी का जो
उससे फर्क नहीं कोई
दिखा नुकसान जो अपना
वहीं हम बोल जाते हैं।
हमें नहीं देश की चिंता
नहीं अपमान का भय है
भले हो लाश में लिपटी
धन की चाह प्रबल हैं,
जहाँ से लाभ हो अपना
वही सर को झुकाते हैं
दिखा नुकसान जो थोड़ा
वहीं हम बोल जाते हैं।
कटे चाहे शीश सैनिक का
हमें अफसोस है कैसा?
मिटे चाहे राष्ट्र की गरिमा
हमें इससे है क्या करना?
कटा जो सीन पिक्चर का
वही मुख खोल जाते हैं,
दिखा नुकसान जो थोड़ा
वही हम बोल जाते हैं।
बात जो राष्ट्र धर्म की हो
तो गाने हम सुनाते है
बता कर राष्ट्र का बेटा
निभाते फर्ज अपना हैं
जो आई बात मरने की
वहीं मुख मोड़ जाते हैं,
दिखा नुकसान जो थोड़ा
वही हम बोल जाते हैं।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
9560335952

Language: Hindi
224 Views
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