दादी नानी की वो कहानी
दादी नानी की वो कहानी
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दादी वाला राजा आया
और नानी वाली रानी,
दोनों जन संग – संग कैसे
देखो भरते है पानी।
राजा खाता भात रात का
और पीये कुयें का पानी,
बकरी लेकर रोज सबेरे
जंगल जाती है रानी।
राजा करता काम खेत में
रानी खाना बनाती है,
दादी की वो अमर कहानी
आज भी हमें सताती है।
बड़े देश का बड़ा वो राजा
किन्तु बहुत गरीब है,
दुबला पतला रोग से जुझता
मरने के बहुत करीब। है।
नानी कहती रानी है पर
कपड़े – बर्तन। धोती है,
मिलने पर है भर पेट खाती
वर्ना भूखा सोती है।
दादी नानी की वो कहानी
लगती थी कितनी प्यारी,
वहीं प्यार अब ढूंढते ढूंढते
बीत रही है उम्र सारी।
……….।।।…………
✍ ✍ पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार