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29 Jul 2017 · 1 min read

दहेज

पापा मांगे मे दहेज
करें कवनो ना परहेज
बबूआ बी.ए. कईके बईठल
अब दुआरी पर
मन रमल ताड़ी पर ना।
गुण कौनों नाहीं एक
चाहीं गाड़ीये दहेज,
बबुआ नजर गड़वले
बाड़ें होन्डा गाड़ी पर
मन रमल ताड़ी पर ना।
नाहीं गांव में कवनो साख
रुपया चाहीं एके लाख,
बबुआ दिनों रात
सुतल रहे घारी में
मन रमल ताड़ी पर ना।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”

Language: Hindi
Tag: गीत
289 Views
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