दर्शन करने मैया रानी —– !!
*** भक्ति धारा***
दर्शन करने मैया रानी , दर पे तुम्हारे आया हूं।
कर दो पूरी मन मुरादें,जो मन में बसा के लाया हूं।।
दीप जलाऊं,आरती गाऊं, दर से न मै खाली जाऊं।
चुनरी ध्वज और हलवा पूरी,तुम्हे चड़ाने आया हूं।।
न चाहूं धन और दौलत,नाम तुम्हारा जपता रहूं।
बनाए जीव सारे तुम्हीं ने,सबको अपना कहता रहूं।।
अभिलाषा यही है मेरी,यही मांगने आया हूं ।
दर्शन करने मैया रानी, दर पे तुम्हारे आया हूं।।
राजेश व्यास अनुनय