Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2017 · 1 min read

दर्द

दर्द……
सादर प्रेषित।

काव्य की किसी भी विद्या में कह पाना मुश्किल है।
हृदय की वेदना समझा पाना मुश्किल है।
कैसे मैं अपने दर्द के सायों को करूं बयां?
दिल का दर्द ज़बां पे लाना मुश्किल है।
कुछ तो लिखती है एक विरहन की कलम
उसको अशआर और कविता में समझाना मुश्किल है।
दर्द तो सभी का खुद में है हिमालय नीलम
कम है या ज्यादा यह कह पाना मुश्किल है।

सुन,
उर का मेरे, चेहरा दिखाई देगा,
दर्द बोला तो सुनाई देगा।
कितनी भी ढकले तू रुख़ पर, बनावट की हंसी।
दर्द, हंसती हुई पलकों पे भी दिखाई देगा।
दिल समंदर है समेटे हुए अनगिनत तुफां,
दर्द का दरिया इसमें बहता दिखाई देगा।
हां, बहुत अरमां इस दिल के, दिल में ही रहे,
शोला अरमानों का अब जलता दिखाई देगा।
दर्द बोला तो सुनाई देगा।

कि दिल के दर्द की स्याही में डूबी है कलम,
बनके अब शब्द,मेरा दर्द दुहाई देगा।
बनाके बादल सोचा दर्द को उड़ादूंगी मैं,
पर अगर बरसा तो,भिगा ही देगा।
उड़ ही जाएंगे ये बादल, उड़ान हवा में भर लेंगे,
पर दर्द-ए-दिल तो हवा में भी दिखाई देगा।
दर्द बोला तो सुनाई देगा।
नीलम शर्मा

Language: Hindi
Tag: गीत
319 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
होने नहीं दूंगा साथी
होने नहीं दूंगा साथी
gurudeenverma198
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
Seema Verma
।। अछूत ।।
।। अछूत ।।
साहित्य गौरव
तू इतनी खूबसूरत है...
तू इतनी खूबसूरत है...
आकाश महेशपुरी
मन
मन
Punam Pande
*धन जीवन-आधार, जिंदगी चलती धन से(कुंडलिया)*
*धन जीवन-आधार, जिंदगी चलती धन से(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
■ आज का दोहा...
■ आज का दोहा...
*Author प्रणय प्रभात*
2285.
2285.
Dr.Khedu Bharti
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
उसकी ग़मी में यूँ निहाँ सबका मलाल था,
उसकी ग़मी में यूँ निहाँ सबका मलाल था,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
उदारता
उदारता
RAKESH RAKESH
नामुमकिन
नामुमकिन
Srishty Bansal
अष्टम् तिथि को प्रगटे, अष्टम् हरि अवतार।
अष्टम् तिथि को प्रगटे, अष्टम् हरि अवतार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"अस्थिरं जीवितं लोके अस्थिरे धनयौवने |
Mukul Koushik
💐प्रेम कौतुक-555💐
💐प्रेम कौतुक-555💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
झिलमिल झिलमिल रोशनी का पर्व है
झिलमिल झिलमिल रोशनी का पर्व है
Neeraj Agarwal
काले दिन ( समीक्षा)
काले दिन ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
♥️मां ♥️
♥️मां ♥️
Vandna thakur
भस्मासुर
भस्मासुर
आनन्द मिश्र
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
B S MAURYA
अच्छा इंसान
अच्छा इंसान
Dr fauzia Naseem shad
विचारों की सुन्दरतम् प्रस्तुति का नाम कविता
विचारों की सुन्दरतम् प्रस्तुति का नाम कविता
कवि रमेशराज
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
वो सारी खुशियां एक तरफ लेकिन तुम्हारे जाने का गम एक तरफ लेकि
★ IPS KAMAL THAKUR ★
"मन क्यों मौन?"
Dr. Kishan tandon kranti
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
........,,?
........,,?
शेखर सिंह
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
स्वप्न विवेचना -ज्योतिषीय शोध लेख
स्वप्न विवेचना -ज्योतिषीय शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Loading...