Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2017 · 1 min read

कहां किसी को दर्द

हैं सभी यहां पर मर्द, कहां किसी को दर्द l
आंखों से दिखता नहीं ,पड़ी हुई है गर्द ll

पड़ी हुई है गर्द ,नहीं कुछ फिर भी पीड़ा l
राम भरोसे देश ,यही अब अपनी पीड़ा ll

आने वाला जाए , कैसा तेरा ठिकाना l
परहित कुछ तो जान ,जो मान मर्द क पाना ll

संजय सिंह” सलिल”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l

651 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-415💐
💐प्रेम कौतुक-415💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"भीषण बाढ़ की वजह"
*Author प्रणय प्रभात*
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
सेर
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
* गीत प्यारा गुनगुनायें *
* गीत प्यारा गुनगुनायें *
surenderpal vaidya
खुश होना नियति ने छीन लिया,,
खुश होना नियति ने छीन लिया,,
पूर्वार्थ
*शिव शक्ति*
*शिव शक्ति*
Shashi kala vyas
*प्रभु नहीं मिलते हैं पोथियों को पढ़-पढ़【 घनाक्षरी 】*
*प्रभु नहीं मिलते हैं पोथियों को पढ़-पढ़【 घनाक्षरी 】*
Ravi Prakash
बिना रुके रहो, चलते रहो,
बिना रुके रहो, चलते रहो,
Kanchan Alok Malu
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
धैर्य धरोगे मित्र यदि, सब कुछ होता जाय
धैर्य धरोगे मित्र यदि, सब कुछ होता जाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
23/99.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/99.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
पराठों का स्वर्णिम इतिहास
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
सफल लोगों की अच्छी आदतें
सफल लोगों की अच्छी आदतें
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
उल्फत अय्यार होता है कभी कबार
उल्फत अय्यार होता है कभी कबार
Vansh Agarwal
जय श्री राम
जय श्री राम
goutam shaw
उगाएँ प्रेम की फसलें, बढ़ाएँ खूब फुलवारी।
उगाएँ प्रेम की फसलें, बढ़ाएँ खूब फुलवारी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*साम वेदना*
*साम वेदना*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शायद हम ज़िन्दगी के
शायद हम ज़िन्दगी के
Dr fauzia Naseem shad
नीलामी हो गई अब इश्क़ के बाज़ार में मेरी ।
नीलामी हो गई अब इश्क़ के बाज़ार में मेरी ।
Phool gufran
"तुम्हारी गली से होकर जब गुजरता हूं,
Aman Kumar Holy
மறுபிறவியின் உண்மை
மறுபிறவியின் உண்மை
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
बुद्ध फिर मुस्कुराए / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
!! कोई आप सा !!
!! कोई आप सा !!
Chunnu Lal Gupta
वक्त से वक्त को चुराने चले हैं
वक्त से वक्त को चुराने चले हैं
Harminder Kaur
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
Manisha Manjari
तुम सम्भलकर चलो
तुम सम्भलकर चलो
gurudeenverma198
Loading...