Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2020 · 1 min read

— दर्द —

क्या पानी पर लिखी
थी मेरी तकदीर तूने मेरे मालिक
हर ख्वाब बह जाता है
मेरे रंग भरने से पहले

शीशा नहीं है जो
उकेर दू कुछ चित्र
तूने वो कैनवास ही नहीं दिया
जिस पर अपने ख्वाब उतार दूँ

किस्मत के रंग मेरे
बड़े फीके लगने लगे
किस रंग से अब मैं
अपनी तकदीर सँवार लूँ

ख़ुशी के पल मिलते नहीं
गम से भरी जिंदगी में
अपने सारे दर्द कहाँ ले जाऊं
और जाकर यह दर्द किसे सुनाऊँ

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
सविनय अभिनंदन करता हूॅं हिंदुस्तानी बेटी का
सविनय अभिनंदन करता हूॅं हिंदुस्तानी बेटी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
shabina. Naaz
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
लम्हों की तितलियाँ
लम्हों की तितलियाँ
Karishma Shah
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रिश्ते
रिश्ते
विजय कुमार अग्रवाल
उसे मलाल न हो
उसे मलाल न हो
Dr fauzia Naseem shad
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्
Shashi kala vyas
अक्सर सच्ची महोब्बत,
अक्सर सच्ची महोब्बत,
शेखर सिंह
Imagine you're busy with your study and work but someone wai
Imagine you're busy with your study and work but someone wai
पूर्वार्थ
दो शब्द
दो शब्द
Ravi Prakash
आज दिवस है  इश्क का, जी भर कर लो प्यार ।
आज दिवस है इश्क का, जी भर कर लो प्यार ।
sushil sarna
मछली के बाजार
मछली के बाजार
Shekhar Chandra Mitra
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
आश भरी ऑखें
आश भरी ऑखें
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
नारी जीवन
नारी जीवन
Aman Sinha
अब हम क्या करे.....
अब हम क्या करे.....
Umender kumar
2740. *पूर्णिका*
2740. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परिपक्वता
परिपक्वता
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
💐प्रेम कौतुक-211💐
💐प्रेम कौतुक-211💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शब्द क्यूं गहे गए
शब्द क्यूं गहे गए
Shweta Soni
गज़ल सी रचना
गज़ल सी रचना
Kanchan Khanna
*नज़्म*
*नज़्म*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ख़्वाब सजाना नहीं है।
ख़्वाब सजाना नहीं है।
Anil "Aadarsh"
माँ
माँ
Kavita Chouhan
विश्व जल दिवस
विश्व जल दिवस
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
साधक
साधक
सतीश तिवारी 'सरस'
Loading...