Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2016 · 1 min read

दर्द

मालूम है उसे कहाँ होता है
वो ज़ालिम वहीँ पर चोट देता है
बनके समझदार हमेशा ही
करीने से मेरा दिल तोड़ देता है
हंसकर फिर मुझसे वो पूछता है
बुरा तो नहीं लगा खंजर घोंपता है
मैं फिर से दर्द अपना सहलाता
और वो एक नया दर्द दे देता है
?�??�??�??
28 जुलाई2016

Language: Hindi
11 Likes · 718 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
नमन मंच
नमन मंच
Neeraj Agarwal
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
shabina. Naaz
ढलता सूरज वेख के यारी तोड़ जांदे
ढलता सूरज वेख के यारी तोड़ जांदे
कवि दीपक बवेजा
🌷 चंद अश'आर 🌷
🌷 चंद अश'आर 🌷
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
राख देख  शमशान  में, मनवा  करे सवाल।
राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल।
दुष्यन्त 'बाबा'
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
गौरैया दिवस
गौरैया दिवस
Surinder blackpen
शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
Bodhisatva kastooriya
मेरे अल्फाज याद रखना
मेरे अल्फाज याद रखना
VINOD CHAUHAN
"हालात"
Dr. Kishan tandon kranti
डोला कड़वा -
डोला कड़वा -
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
तू इश्क, तू खूदा
तू इश्क, तू खूदा
लक्ष्मी सिंह
जस गीत
जस गीत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*माॅं की चाहत*
*माॅं की चाहत*
Harminder Kaur
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
डॉ.सीमा अग्रवाल
स्वार्थ से परे !!
स्वार्थ से परे !!
Seema gupta,Alwar
काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
***वारिस हुई***
***वारिस हुई***
Dinesh Kumar Gangwar
सावन का महीना है भरतार
सावन का महीना है भरतार
Ram Krishan Rastogi
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
Ravi Prakash
हक़ीक़त का आईना था
हक़ीक़त का आईना था
Dr fauzia Naseem shad
हम रहें आजाद
हम रहें आजाद
surenderpal vaidya
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
अनवरत....
अनवरत....
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
" प्रार्थना "
Chunnu Lal Gupta
कह कोई ग़ज़ल
कह कोई ग़ज़ल
Shekhar Chandra Mitra
दोस्ती में हर ग़म को भूल जाते हैं।
दोस्ती में हर ग़म को भूल जाते हैं।
Phool gufran
दोहे नौकरशाही
दोहे नौकरशाही
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...