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26 Dec 2017 · 1 min read

दर्द में भी मुस्कुराना चाहिए

एक नुस्खा आजमाना चाहिए
दर्द में भी मुस्कुराना चाहिए

दोस्ती सच्ची किसी से है अगर
गर्दिशों में काम आना चाहिए

छोड़ बातें मजहबी उन्माद की
प्रेम के ही गीत गाना चाहिए

नफरतों से क्या मिला है आज तक
आपसी सद्भाव लाना चाहिए

साथ कोई दे, न दे चिन्ता नहीं
हाथ रब का साथ रहना चाहिए

चार दिन की जिन्दगी है याद रख
बन मुसाफिर काट लेना चाहिए

हैं अँधेरे जिन्दगी में क्या फिकर
नाम तेरा जगमगाना चाहिए

कृष्ण कल की आज चिन्ता क्यों करें.
हर घड़ी हर पल को जीना चाहिए

श्रीकृष्ण शुक्ल, मुरादाबाद.
02-12-2017 : ; 06.45p.m.

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