Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2017 · 2 min read

दर्द पिता की मौत का

उन क्षणों का दर्द
कोई नहीं समझ सकता इस संसार में
जब तक वो क्षण जिंदगी में ना आएं
घर में छोटा था मैं
पर
अचानक से बड़ा बन गया मैं
मुझे हालातों ने बड़ा बना दिया था
हस्पताल के उस पलंग पर
मेरी आँखों के सामने
वो पिता जी की लाश नहीं थी
वो तो जिम्मेदारियों की गठड़ी थी
ना जाने कहाँ से मेरे अंदर इतनी ताकत आई
एक पल में उस गठड़ी को सिर पर उठा लिया
बहनों को फोन किया
परिवारों वालों को सूचना दी
फिर साथ में आई भाईयों को संभाला
ना जाने कौन मेरे अंदर घुस गया था
ना जाने वो कौनसी ताकत थी
एम्बुलेंस करके पिता जी की लाश को घर लाया
माँ सुबक रही थी उसको चुप करवाया
भाई को दिलासा दिया
बहनों को समझाया
मैं खुद तो पत्थर सा हो गया था
मेरे आँसू सुख गए अचानक से ही
जब चले अर्थी को लेकर श्मशान में
तो दिल फट ही गया
मेरे आँसुओं के साथ इंद्रदेव भी बरसने लगे
जैसे ही दी मुखाग्नि मैंने
ना जाने वो ताकत कहाँ चली गयी
पैरों की जान निकल गयी
और मैं वहीं बैठ गया
चिता को देखता रहा टकटकी लगाए
परिवार वालों ने संभाला मुझे
कँधे से लगाकर समझाया
वो ही बातें कही जो मैं भी कहा करता था औरों को
पर उस दर्द को आज महसूस किया
आज अहसास हुआ मुझे दर्द का
आज मैं ही जानता था मैंने क्या खोया
अब छोटे कँधे मेरे जिम्मेदारियों के बोझ को उठाये थे
पूरे घर की जिम्मेदारी मुझ पर ही तो थी अब
तीसरे दिन सुबह फिर श्मशान में गया
पण्डित जी भी साथ में थे
लेकर पिता जी की अस्थियों को
चला परिवार वालों के साथ
उनकी मुक्ति की कामना मन में लिए
गढ़मुक्तेश्वर धाम की ओर
वहाँ जाकर सारी क्रिया, रस्में पूरी की
फिर गंगा मैया के बीच में अस्थियों को विसर्जित कर दिया
बस यहीं तक का साथ पिता जी का
अब तो यादों में ही रह गए पिता जी
उनकी मृत्यु का शौक मनाने आने वाले
देकर जा रहे थे मुझे झूठी तसल्लियाँ
पर सच बात तो मुझे “सुलक्षणा” कह गयी
बोली सिर पर हाथ रखकर मुझसे
बेटा तुम्हें खुद को संभालते हुए घर संभालना है
हम सांत्वना ही दे सकते हैं और कुछ नहीं
मदद एक बार करेंगे तो सौ बार अहसान जताएंगे
अब भगवान का ध्यान धरते हुए आगे बढ़ो
परमात्मा तुम्हें कामयाबी दे खुशहाली दे
उन्होंने कहा तुम्हारे पिता जी कहीं नहीं गए
वो साथ हैं तुम्हारे उनकी यादों के रूप में
और उनके द्वारा दिये व्यवहारिक ज्ञान के रूप में
जब भी कोई कार्य करोगे तुम
वो तुम्हारे अंदर से तुम्हें जरूर बताएंगे
कि तुम सही कर रहे हो या गलत
बस इसी बात से मुझे नई दिशा मिली
पिता जी के आदर्शों के साथ जीने की

©® डॉ सुलक्षणा

Language: Hindi
6 Likes · 1025 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नाम परिवर्तन
नाम परिवर्तन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
एक सवाल ज़िंदगी है
एक सवाल ज़िंदगी है
Dr fauzia Naseem shad
दुनिया असाधारण लोगो को पलको पर बिठाती है
दुनिया असाधारण लोगो को पलको पर बिठाती है
ruby kumari
सिर्फ अपना उत्थान
सिर्फ अपना उत्थान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
भोले नाथ है हमारे,
भोले नाथ है हमारे,
manjula chauhan
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
कछु मतिहीन भए करतारी,
कछु मतिहीन भए करतारी,
Arvind trivedi
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
gurudeenverma198
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां
Sanjay ' शून्य'
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2723.*पूर्णिका*
2723.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है
VINOD CHAUHAN
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई  लिखता है
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
Shweta Soni
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
बस कुछ दिन और फिर हैप्पी न्यू ईयर और सेम टू यू का ऐसा तांडव
Ranjeet kumar patre
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
Madhuyanka Raj
#अमावसी_ग्रहण
#अमावसी_ग्रहण
*Author प्रणय प्रभात*
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
हरवंश हृदय
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
कसौटियों पर कसा गया व्यक्तित्व संपूर्ण होता है।
Neelam Sharma
सच में शक्ति अकूत
सच में शक्ति अकूत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कुछ यूं मेरा इस दुनिया में,
कुछ यूं मेरा इस दुनिया में,
Lokesh Singh
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मां जब मैं रोजगार पाऊंगा।
मां जब मैं रोजगार पाऊंगा।
Rj Anand Prajapati
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी
Dr Tabassum Jahan
#संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !!
#संबंधों_की_उधड़ी_परतें, #उरतल_से_धिक्कार_रहीं !!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
वक्त
वक्त
Namrata Sona
Loading...