Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2017 · 1 min read

दर्द दिल की बता दवा क्या है

दर्द दिल की बता दवा क्या है
प्यार का अब मिला सिला क्या है

बात हर रोज हुआ करती थी जो
अब बता दे मिली सजा क्या है

चाह का जब नशा बढ़ा इतना
पर तुझे हासिले दगा क्या है

बात ज्यादा हदें बढ़ी तो मैं
पूछ बैठी कि फैसला क्या है

साथ रहना न हो सकेगा जब
मूर्ख जो मैं बनी कला क्या है

कैद हो कर नजर मिली तुझसे
आस का तब महल बना क्या है

शूल तेरे लिए सजाये जो
हो गया वो तभी दुआ क्या है

याद में जब चला कभी आये
तब हँसा दे मुझे अदा क्या है

Language: Hindi
73 Likes · 1 Comment · 417 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
भगतसिंह
भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
Kishore Nigam
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
श्याम सिंह बिष्ट
बोगेनविलिया
बोगेनविलिया
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
उफ़ ये अदा
उफ़ ये अदा
Surinder blackpen
बाल कविता: चूहा
बाल कविता: चूहा
Rajesh Kumar Arjun
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
Manisha Manjari
कुतूहल आणि जिज्ञासा
कुतूहल आणि जिज्ञासा
Shyam Sundar Subramanian
बेशक खताये बहुत है
बेशक खताये बहुत है
shabina. Naaz
ओ मेरे गणपति महेश
ओ मेरे गणपति महेश
Swami Ganganiya
*लोग सारी जिंदगी, बीमारियॉं ढोते रहे (हिंदी गजल)*
*लोग सारी जिंदगी, बीमारियॉं ढोते रहे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
💐अज्ञात के प्रति-105💐
💐अज्ञात के प्रति-105💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
खुशियां
खुशियां
N manglam
" कविता और प्रियतमा
DrLakshman Jha Parimal
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
gurudeenverma198
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
डी. के. निवातिया
ईश्वर से यही अरज
ईश्वर से यही अरज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
विनती
विनती
Kanchan Khanna
आंखो ने क्या नहीं देखा ...🙏
आंखो ने क्या नहीं देखा ...🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3140.*पूर्णिका*
3140.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
🇭🇺 झाँसी की वीरांगना
Pt. Brajesh Kumar Nayak
वाह वाही कभी पाता नहीं हूँ,
वाह वाही कभी पाता नहीं हूँ,
Satish Srijan
लगन की पतोहू / MUSAFIR BAITHA
लगन की पतोहू / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
Anil Mishra Prahari
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
VINOD CHAUHAN
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सपना
सपना
ओनिका सेतिया 'अनु '
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
Bodhisatva kastooriya
Loading...