Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2017 · 2 min read

**दर्द जो कोई कहता नहीं **सिर्फ सहता**

*माँ के न होने का दर्द
एेसा होता है
जो कोई कहता नहीं है
सिर्फ सहना होता है

*यह दर्द तो सिर्फ
वही बता सकता है
जिसने अपनी माँ को खोया है
रोज़ तिल-तिल के मरा
और रो-रो के सोया है

*हे भगवान! तूने क्या
मुझको दिया
जो मेरा था
वह भी तूने
वापस ले लिया

*एक माँ दी थी
जो तूने मुझ को
दुख में सुख में
जो साथ रहती थी मेरे

*इतने साल बीत गए
न देखी सूरत उसकी
न सुनी बोली उसकी मैंने

*क्यों तूने यह सब
मेरे साथ किया
माँ मेरी छीनकर
क्यो मुझे अनाथ किया

*किसको मैं अपना कहूँ
यह सब दुख
किसको सुनाऊँ
कौन है वह
जिसके में गले लगकर
अपना गम भुलाऊँ

*नहीं है कोई दुनिया में ऐसा
जिसको सुनाऊँ
दुख दर्द अपना मैं
एक जो थी माँ मेरी
उसको भी तूने
मुझसे छीन लिया है

*उसको अपनी
दुनिया में बुलाकर
मेरी इस दुनिया को
तूने क्यो उजाड़ दिया
ये सब करके
तुझको क्या हासिल हुआ

*न रो सकी में खुलकर
किसी के सामने
न दर्द अपना कह सकी
किसी को अपना बनाकर

*मतलबी है यह दुनिया
मतलबी है लोग यहाँ के
जिसको समझो अपना
वही दे जाता है गम
पराया बना के

*हे माँ !तू कहाँ चली गई
मुझको इस अंधेरी
दुनिया में छोड़कर
किससे कहूँ मैं अपना
दुख दर्द उसके
कंधे पर होकर के

*तुम ही तो थी
जिसको बताती थी
मैं अपनी हर बात
और सुनाती थी
अपने दिल का हर हाल

*जिस दिन से तू गई है
इस लोक से उस लोक
रो-रो कर हर दिन
काटा है मैंने अपना हर रोज

*माँ तेरी कमी मुझे आज
हर पल महसूस होती है
तू नहीं है आज मेरे पास
हर रोज तेरी कमी
मुझे बहुत खलती है

*यह लिख रही हूँ
मगर आज भी मेरी आँखों में
बहुत आँसू है
किससे कहूँ मैं
अपने दिल की हर बात
रोज तेरे बिन में
यूँ ही तड़पती हूँ

*शिकायत मुझे सिर्फ
उस भगवान से ही है
जिसने आज अकेला
मुझे इस दुनिया में छोड़ा है
कोई नहीं है मेरा यहाँ
सिर्फ तेरी यादों का बसेरा है

*तेरे बिना यह सब कुछ
पराया सा लगता है
तू नहीं है तभी तो यह जग
बेगाना सा लगता है

*कहाँ चली गई तू मेरी माँ
ज़रा भी नहीं सोचा तूने
बिन तेरे जीएगी
तेरी बेटी यहाँ कैसे

*हे ईश्वर किसी बच्चे को
उसकी माँ से न जुदा करना तू
अगर दे माँ
तो कभी वापस
माँ न उसकी लेना तू

****कभी वापस माँ
****न उसकी लेना तू

Language: Hindi
1 Like · 588 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इक चितेरा चांद पर से चित्र कितने भर रहा।
इक चितेरा चांद पर से चित्र कितने भर रहा।
umesh mehra
एक मुलाकात अजनबी से
एक मुलाकात अजनबी से
Mahender Singh
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
SHAMA PARVEEN
आस्था और भक्ति की तुलना बेकार है ।
आस्था और भक्ति की तुलना बेकार है ।
Seema Verma
हाथ पसारने का दिन ना आए
हाथ पसारने का दिन ना आए
Paras Nath Jha
"वक्त के पाँव में"
Dr. Kishan tandon kranti
गुलाबी शहतूत से होंठ
गुलाबी शहतूत से होंठ
हिमांशु Kulshrestha
एक तुम्हारे होने से....!!!
एक तुम्हारे होने से....!!!
Kanchan Khanna
आलोचक-गुर्गा नेक्सस वंदना / मुसाफ़िर बैठा
आलोचक-गुर्गा नेक्सस वंदना / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
Johnny Ahmed 'क़ैस'
विषय सूची
विषय सूची
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
2759. *पूर्णिका*
2759. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देखिए आप आप सा हूँ मैं
देखिए आप आप सा हूँ मैं
Anis Shah
खाली सूई का कोई मोल नहीं 🙏
खाली सूई का कोई मोल नहीं 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
Radhakishan R. Mundhra
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
Atul "Krishn"
अहं
अहं
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल
ग़ज़ल
विमला महरिया मौज
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
Subhash Singhai
जीवन है मेरा
जीवन है मेरा
Dr fauzia Naseem shad
यादों का बसेरा है
यादों का बसेरा है
Shriyansh Gupta
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
मेरे दिल के मन मंदिर में , आओ साईं बस जाओ मेरे साईं
मेरे दिल के मन मंदिर में , आओ साईं बस जाओ मेरे साईं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उसे लगता है कि
उसे लगता है कि
Keshav kishor Kumar
■ मन गई राखी, लग गया चूना...😢
■ मन गई राखी, लग गया चूना...😢
*Author प्रणय प्रभात*
कर्त्तव्य
कर्त्तव्य
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
💐अज्ञात के प्रति-109💐
💐अज्ञात के प्रति-109💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मस्ती का त्योहार है होली
मस्ती का त्योहार है होली
कवि रमेशराज
कजरी
कजरी
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
बचपन कितना सुंदर था।
बचपन कितना सुंदर था।
Surya Barman
Loading...