Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2017 · 1 min read

दर्द की बात ना करो

?????
दर्द की बात ना करो,
हम तो दर्द में ही रहते हैं।
हर रोज घुटते-मरते हैं,
पर किसी से नहीं कहते हैं।
वक्त ने जो भी किया सितम
सब हँस-हँस कर सहते हैं।
हम तो वो गुलाब हैं जो
रोज काँटों की चुभन सहते हैं।
काँटों की चुभन सहकर भी
खिलखिला कर हँसते हैं।
किससे करे शिकायत ?
जख्म देने वाले भी तो अपने हैं।
हम तो अपने के
भीड़ में भी अकेले रहते हैं।
दर्द की बात ना करो,
हम तो दर्द में ही रहते हैं।
????—लक्ष्मी सिंह ??

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 424 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जो हर पल याद आएगा
जो हर पल याद आएगा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
अनूप अम्बर
राम है आये!
राम है आये!
Bodhisatva kastooriya
होली
होली
Dr Archana Gupta
★आईने में वो शख्स★
★आईने में वो शख्स★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
किताब
किताब
Sûrëkhâ Rãthí
Magical world ☆☆☆
Magical world ☆☆☆
ASHISH KUMAR SINGH
राम मंदिर
राम मंदिर
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
फूल
फूल
Neeraj Agarwal
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
(9) डूब आया मैं लहरों में !
(9) डूब आया मैं लहरों में !
Kishore Nigam
’जूठन’ आत्मकथा फेम के हिंदी साहित्य के सबसे बड़े दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / MUSAFIR BAITHA
’जूठन’ आत्मकथा फेम के हिंदी साहित्य के सबसे बड़े दलित लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
नादानी
नादानी
Shaily
Kirdare to bahut nibhai ,
Kirdare to bahut nibhai ,
Sakshi Tripathi
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
कभी कभी अच्छा लिखना ही,
नेताम आर सी
धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर
धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर
Sanjay ' शून्य'
हम नही रोते परिस्थिति का रोना
हम नही रोते परिस्थिति का रोना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
"शाख का पत्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
Shashi kala vyas
*खुशी लेकर चली आए, सभी के द्वार दीवाली (हिंदी गजल)*
*खुशी लेकर चली आए, सभी के द्वार दीवाली (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Two scarred souls and the seashore, was it a glorious beginning?
Two scarred souls and the seashore, was it a glorious beginning?
Manisha Manjari
3019.*पूर्णिका*
3019.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भुला देना.....
भुला देना.....
A🇨🇭maanush
कोई तो है
कोई तो है
ruby kumari
आधा किस्सा आधा फसाना रह गया
आधा किस्सा आधा फसाना रह गया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
Yogendra Chaturwedi
!! कोई आप सा !!
!! कोई आप सा !!
Chunnu Lal Gupta
मेरे प्रभु राम आए हैं
मेरे प्रभु राम आए हैं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
"मंचीय महारथियों" और
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...