Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2021 · 1 min read

दर्द का मेरे कतरा-कतरा

दर्द का मेरे कतरा कतरा
मेरे लफ़्ज़ों में झलकेगा
मेरी आँखो में झलकेगा
फिर भी मेरा इश्क महकेगा।

दर्द का मेरे कतरा कतरा
हर दम छिपा मेरे आँचल में,
मेरे तो शब्दों शब्दो में,
मेरी हर पंक्ति पंक्ति में।

दर्द का मेरे कतरा कतरा
कुछ अनकहा सा दर्द मेरा
कुछ अनसुना सा दर्द मेरा
कुछ कहा कहा सा दर्द मेरा।

दर्द का मेरे कतरा कतरा
क्यो छलक नहीं पाता दर्द मेरा
पर बहुत गहरा है दर्द मेरा
मेरी तो मुस्कराहट में भी दर्द मेरा।

डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 148 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है
ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है
Paras Nath Jha
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
Anil Mishra Prahari
मंजिल
मंजिल
डॉ. शिव लहरी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*नहीं हाथ में भाग्य मनुज के, किंतु कर्म-अधिकार है (गीत)*
*नहीं हाथ में भाग्य मनुज के, किंतु कर्म-अधिकार है (गीत)*
Ravi Prakash
*20वे पुण्य-स्मृति दिवस पर पूज्य पिता जी के श्रीचरणों में श्
*20वे पुण्य-स्मृति दिवस पर पूज्य पिता जी के श्रीचरणों में श्
*Author प्रणय प्रभात*
मौजु
मौजु
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दोस्ती
दोस्ती
लक्ष्मी सिंह
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
umesh mehra
शायरी संग्रह
शायरी संग्रह
श्याम सिंह बिष्ट
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
कवि रमेशराज
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
Shweta Soni
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Sanjay ' शून्य'
कौन सुने फरियाद
कौन सुने फरियाद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
धरा कठोर भले हो कितनी,
धरा कठोर भले हो कितनी,
Satish Srijan
एक और सुबह तुम्हारे बिना
एक और सुबह तुम्हारे बिना
Surinder blackpen
धर्म बनाम धर्मान्ध
धर्म बनाम धर्मान्ध
Ramswaroop Dinkar
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
gurudeenverma198
गुम लफ्ज़
गुम लफ्ज़
Akib Javed
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
Ajay Kumar Vimal
विरह
विरह
नवीन जोशी 'नवल'
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
पूर्वार्थ
" कुछ काम करो "
DrLakshman Jha Parimal
* मुस्कुरा देना *
* मुस्कुरा देना *
surenderpal vaidya
***
*** " आधुनिकता के असर.......! " ***
VEDANTA PATEL
भटक ना जाना तुम।
भटक ना जाना तुम।
Taj Mohammad
💐प्रेम कौतुक-213💐
💐प्रेम कौतुक-213💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...