दर्दनाक चीख़……..
दर्द से चिंखि भी होगी,
सिसकियां मारी भी होगी।
वो प्यारी सी बेचारी हैवानो के आगे गिड़गिड़ारी भी होगी,
छोड़ दो भइया-जाने दो प्लीज, जाने कितनी बार पुकारा होगा,
जब जब वो चिल्लाई होगी जालिमो ने मारा होगा।
ऐसी कोई मदद न होगी ,
जो उसने पुकारी ना होगी।
अंत काल तक लड़ी वो होगी,
जब तक मौत से हरी ना होगी।
दर्द से चिंखि भी होगी,
सिसकियां मारी भी होगी।।
…………….अरुण सरोहे(सहारनपुरिया)