Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2017 · 1 min read

!! दरख्त तेरी छान प्यारी !! (पेड़ तेरी छाव प्यारी)`पंजाबी कविता

तैनू सजदा करा
तेरी मीठी छान
मैनू चंगी लगदी
मैं सोनवा तेरी छाव
मनमोहनी लगदी
सिखर दोपहर
सो जानव मंजी डा के
नीद विच मीठी
हवा मेनू मिलदी
पता नहीं
क्यूं लोकी तैनू
वडन वास्ते
चुकदे ने टोके
अपने हाथां विच
नादान ने बड़े
बेदर्दी वि ने
अपने सुख दि
खातिर वि
ओ पर्वाहं नहीं करदे
बन्दे लगांदे
नहीं दर्खता नू
वड वड के लकडिया
सारी सुवा करदे
रबा दे दे इन्हा नू
थोड़ी जही अकल
राही दे वास्ते
एह दरखत
देख किनी हवा करदे

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 366 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
??????...
??????...
शेखर सिंह
"अकेलापन और यादें "
Pushpraj Anant
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए
ओनिका सेतिया 'अनु '
जाना ही होगा 🙏🙏
जाना ही होगा 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
हिंदुस्तानी है हम सारे
हिंदुस्तानी है हम सारे
Manjhii Masti
दोपहर जल रही है सड़कों पर
दोपहर जल रही है सड़कों पर
Shweta Soni
वर्ल्डकप-2023 सुर्खियां
वर्ल्डकप-2023 सुर्खियां
दुष्यन्त 'बाबा'
2836. *पूर्णिका*
2836. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
manjula chauhan
राजनीति का नाटक
राजनीति का नाटक
Shyam Sundar Subramanian
स्याही की
स्याही की
Atul "Krishn"
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
श्याम सिंह बिष्ट
वो मुझे प्यार नही करता
वो मुझे प्यार नही करता
Swami Ganganiya
फरियादी
फरियादी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ लानत ऐसे सिस्टम पर।।
■ लानत ऐसे सिस्टम पर।।
*Author प्रणय प्रभात*
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
Ram Krishan Rastogi
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
तेरी सख़्तियों के पीछे
तेरी सख़्तियों के पीछे
ruby kumari
वो खूबसूरत है
वो खूबसूरत है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
"अभिव्यक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
जीवन चक्र
जीवन चक्र
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
उदासी से भरे हैं दिन, कटें करवट बदल रातें।
उदासी से भरे हैं दिन, कटें करवट बदल रातें।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
जज़्बात
जज़्बात
Neeraj Agarwal
Loading...