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31 Dec 2020 · 1 min read

【34】*!!* आग दबाये मत रखिये *!!*

साधारण से चेहरों में कभी, आग धधकती दिखती है
सुलगी हुई चिंगारी यही, इतिहास कई – कई लिखती है
(1) भूलो नहीं आवाहन करो सभी, सुलगाओ नई चिंगारी
विजय शिखर पर तुम जा पहुँँचो, देखेगी दुनियाँँ सारी
लिख दो तुम तकदीर स्वयं की, मेहक उठे क्यारी – क्यारी
हालातों से क्या घबराना, जग कष्टों की बस्ती है
साधारण से………..
(2) कायनात भी देख रही है, कदम बढ़ाते तुम जाओ
आँधी आयें तूफांं आयें, तनिक भी ना तुम घबराओ
रचदो तुम इतिहास स्वयं का, भव को आइडल बन जाओ
आज नहीं ये अभी करो, संसार भंवर की कस्ती है
साधारण से………..
(3) कठिन डगर पर चलने को, जग में कोई तैयार नहीं
वो रस्ता भी क्या रास्ता, जिसमें कोई तकरार नहीं
हमले वे कोई हमले हैं, जिनमें शक्ति का वार नहीं
ज्वालामुखी बना ले खुद को, तभी तो राहें मिलती हैं
साधारण से………
खैमसिंह सैनी
भरतपुर, राजस्थान
मो.न. – 9266034599

Language: Hindi
8 Likes · 11 Comments · 792 Views
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