Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2020 · 1 min read

दंगे की आग

लगें हमारे बोल तो ,मानों चली कटार !
कहें यही जो और तो,कहलाता है प्यार !!

हो नफरत की आंधियाँ ,या दंगे की आग !
जाती पीछे छोड़ कर, सदा बदनुमा दाग !!

रहा पूजता आवरण, ….करता नही विचार।
जिसको आत्मा एक दिन, देगी कहीं उतार।।
रमेश शर्मा

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 519 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुभाष चन्द्र बोस
सुभाष चन्द्र बोस
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
उसे मलाल न हो
उसे मलाल न हो
Dr fauzia Naseem shad
हनुमानजी
हनुमानजी
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
*अमृत-बेला आई है (देशभक्ति गीत)*
*अमृत-बेला आई है (देशभक्ति गीत)*
Ravi Prakash
3296.*पूर्णिका*
3296.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
हमारा हाल अब उस तौलिए की तरह है बिल्कुल
Johnny Ahmed 'क़ैस'
"गर्दिशों ने कहा, गर्दिशों से सुना।
*Author प्रणय प्रभात*
खिड़कियाँ -- कुछ खुलीं हैं अब भी - कुछ बरसों से बंद हैं
खिड़कियाँ -- कुछ खुलीं हैं अब भी - कुछ बरसों से बंद हैं
Atul "Krishn"
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
Taj Mohammad
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तू भी धक्के खा, हे मुसाफिर ! ,
तू भी धक्के खा, हे मुसाफिर ! ,
Buddha Prakash
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मौसम आया फाग का,
मौसम आया फाग का,
sushil sarna
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
Rj Anand Prajapati
उदासियाँ  भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
उदासियाँ भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
_सुलेखा.
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
कवि दीपक बवेजा
सत्य की खोज अधूरी है
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
‘ चन्द्रशेखर आज़ाद ‘ अन्त तक आज़ाद रहे
‘ चन्द्रशेखर आज़ाद ‘ अन्त तक आज़ाद रहे
कवि रमेशराज
*मेरा विश्वास*
*मेरा विश्वास*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
प्रेम - एक लेख
प्रेम - एक लेख
बदनाम बनारसी
গাছের নীরবতা
গাছের নীরবতা
Otteri Selvakumar
पर्यावरण
पर्यावरण
Dr Parveen Thakur
मौज के दोराहे छोड़ गए,
मौज के दोराहे छोड़ गए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपने-अपने राम
अपने-अपने राम
Shekhar Chandra Mitra
सिर्फ तुम्हारे खातिर
सिर्फ तुम्हारे खातिर
gurudeenverma198
"प्रेम सपन सलोना सा"
Dr. Kishan tandon kranti
उड़ने का हुनर आया जब हमें गुमां न था, हिस्से में परिंदों के
उड़ने का हुनर आया जब हमें गुमां न था, हिस्से में परिंदों के
Vishal babu (vishu)
एक बार बोल क्यों नहीं
एक बार बोल क्यों नहीं
goutam shaw
झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
झर-झर बरसे नयन हमारे ज्यूँ झर-झर बदरा बरसे रे
हरवंश हृदय
Loading...