Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2017 · 1 min read

थोड़ी सी चटनी!

थोड़ी सी चटनी !
थोड़ा सा पापड़
जरा सी सलाद
जिंदगी भी कुछ यूँ ही है—
सतरंगी ,कई अंदाज और कई स्वाद!
कभी जोर-शोर का तड़का—
कभी गरीब की सन्नाटे की सब्जी!
कभी गुड़ और घी
जिंदगी भी कुछ यूँ ही है- – –
कभी मीठी, खट्टी और रसीली- —
कौन जाने ?
कब बदल जायें इसके ढेर मिजाज –कहीं हैं छप्पन भोग
तो कहीं हैं थाली खाली – —
जिंदगी कुछ यूँ ही तो है!
कभी मुस्कराये ,कमी उदास
किसी की जेब खाली -खाली
कल्पतरु की बगिया किसी के पास!
जिंदगी भी कुछ यूँ ही- – –

Language: Hindi
839 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दरवाज़ों पे खाली तख्तियां अच्छी नहीं लगती,
दरवाज़ों पे खाली तख्तियां अच्छी नहीं लगती,
पूर्वार्थ
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
Bodhisatva kastooriya
Apne man ki bhawnao ko , shabdo ke madhyam se , kalpanikta k
Apne man ki bhawnao ko , shabdo ke madhyam se , kalpanikta k
Sakshi Tripathi
बड़े लोग क्रेडिट देते है
बड़े लोग क्रेडिट देते है
Amit Pandey
!! शब्द !!
!! शब्द !!
Akash Yadav
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
शेर
शेर
Monika Verma
Ab kya bataye ishq ki kahaniya aur muhabbat ke afsaane
Ab kya bataye ishq ki kahaniya aur muhabbat ke afsaane
गुप्तरत्न
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
न कल के लिए कोई अफसोस है
न कल के लिए कोई अफसोस है
ruby kumari
बचपन याद किसे ना आती ?
बचपन याद किसे ना आती ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
Manoj Kushwaha PS
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सौंदर्यबोध
सौंदर्यबोध
Prakash Chandra
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
(19)
(19)
Dr fauzia Naseem shad
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
💐💐कुण्डलिया निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
Subhash Singhai
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
Acharya Rama Nand Mandal
वहाॅं कभी मत जाईये
वहाॅं कभी मत जाईये
Paras Nath Jha
दीवारों में दीवारे न देख
दीवारों में दीवारे न देख
Dr. Sunita Singh
मैथिली पेटपोसुआ के गोंधियागिरी?
मैथिली पेटपोसुआ के गोंधियागिरी?
Dr. Kishan Karigar
पास बुलाता सन्नाटा
पास बुलाता सन्नाटा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*दादी बाबा पोता पोती, मिलकर घर कहलाता है (हिंदी गजल)*
*दादी बाबा पोता पोती, मिलकर घर कहलाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
Shiva Awasthi
राह बनाएं काट पहाड़
राह बनाएं काट पहाड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
फागुन में.....
फागुन में.....
Awadhesh Kumar Singh
एक ही तारनहारा
एक ही तारनहारा
Satish Srijan
Loading...