Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2016 · 1 min read

तोहरी नगरिया

भोजपरी ————–
बड़ी नीक लागे बालम तोहरी नगरिया /
सुबह-शाम कोयल भी कूके , बोले सोन चिरैया /
मधुरिम चँवर पवन की बगिया साजन मन हरसाती/
माई बहिनी तोहरी सुंदर , भूलि गये हम पाती/
बड़ी नीक लागे बालम तोहरी नगरिया/
रामू श्यामू की तोतल बोली , पियवा मनवा मोहे बा/
चाची – चाची धूम मचावे , सुंदर बड़ी जेठानी बा /
साथ- साथ में लगि के हमरे , सुंदर ज्ञान सिखाती हैं/
बड़ी निक जेठानी जी दिलवा बहलाती है /
बड़े नीक लागे साजन तोहरी बखरिया /
================================
सर्वाधिकार सुरक्षित
राजकिशोर मिश्र ‘राज’ प्रतापगढ़ी

Language: Hindi
294 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
होगा बढ़िया व्यापार
होगा बढ़िया व्यापार
Buddha Prakash
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Er. Sanjay Shrivastava
* जिन्दगी में *
* जिन्दगी में *
surenderpal vaidya
जिसप्रकार
जिसप्रकार
Dr.Rashmi Mishra
आदमी का मानसिक तनाव  इग्नोर किया जाता हैं और उसको ज्यादा तवज
आदमी का मानसिक तनाव इग्नोर किया जाता हैं और उसको ज्यादा तवज
पूर्वार्थ
क्या अब भी किसी पे, इतना बिखरती हों क्या ?
क्या अब भी किसी पे, इतना बिखरती हों क्या ?
The_dk_poetry
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
Ravi Prakash
मंजिल नई नहीं है
मंजिल नई नहीं है
Pankaj Sen
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
रक्षाबंधन (कुंडलिया)
दुष्यन्त 'बाबा'
राजतंत्र क ठगबंधन!
राजतंत्र क ठगबंधन!
Bodhisatva kastooriya
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
अतीत कि आवाज
अतीत कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
कवि दीपक बवेजा
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
राम वन गमन हो गया
राम वन गमन हो गया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
दिल का भी क्या कसूर है
दिल का भी क्या कसूर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
कवि रमेशराज
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
कुछ देर तुम ऐसे ही रहो
gurudeenverma198
"नंगे पाँव"
Pushpraj Anant
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
"होली है आई रे"
Rahul Singh
Hasta hai Chehra, Dil Rota bahut h
Hasta hai Chehra, Dil Rota bahut h
Kumar lalit
यूं ही नहीं कहलाते, चिकित्सक/भगवान!
यूं ही नहीं कहलाते, चिकित्सक/भगवान!
Manu Vashistha
I
I
Ranjeet kumar patre
"भीषण बाढ़ की वजह"
*Author प्रणय प्रभात*
"जस्टिस"
Dr. Kishan tandon kranti
2722.*पूर्णिका*
2722.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जमाना गुजर गया उनसे दूर होकर,
जमाना गुजर गया उनसे दूर होकर,
संजय कुमार संजू
Loading...