Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2017 · 1 min read

तैयार हो जाओ ….

तैयार हो जाओ ….

आया है मौसम चुनावी बरसात का,
बरसाती मेंढक अब तैयार हो जाओ
चल निकलेगी अब तुम्हारी लाटरी
थाम झोला छतरी तैयार हो जाओ !!

जम के गरजेंगे नेताई काले बादल
कृपा दृष्टि में भीगने तैयार हो जाओ
बरसेंगे, तन, मन, और धन से पूर्ण
मौक़ा परस्तो सजके तैयार हो जाओ !!

क्या होगा तुम्हारी इस मातृभूमि का
सर्वदा की तरह भूल, आगे बढ़ जाओ
क्या तुम्हारी आने वाली पीढ़ी भोगेगी
बिना विचारे अंधे भक्त बन बढ़ जाओ !!

नहीं सोचा तुमने आजतक इस बारे में
व्यर्थ बहस में तुम उलझके रह जाओ
भोग विलासिता के रहे आदी सदा से
बस इसमें ही डूबकर तुम मर जाओ !!

आया है मौसम चुनावी बरसात का,
बरसाती मेंढक अब तैयार हो जाओ
चल निकलेगी अब तुम्हारी लाटरी
थाम झोला छतरी तैयार हो जाओ !!
!
!
!
डी. के. निवातिया _____!!!

Language: Hindi
644 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"बस्तर के वनवासी"
Dr. Kishan tandon kranti
गाँधी जी की लाठी
गाँधी जी की लाठी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दास्ताने-इश्क़
दास्ताने-इश्क़
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
🌹थम जा जिन्दगी🌹
🌹थम जा जिन्दगी🌹
Dr Shweta sood
*दोहा*
*दोहा*
Ravi Prakash
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
ये मन तुझसे गुजारिश है, मत कर किसी को याद इतना
$úDhÁ MãÚ₹Yá
अहोभाग्य
अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हम तो अपनी बात कहेंगें
हम तो अपनी बात कहेंगें
अनिल कुमार निश्छल
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
कृष्णा सोबती के उपन्यास 'समय सरगम' में बहुजन समाज के प्रति पूर्वग्रह : MUSAFIR BAITHA
कृष्णा सोबती के उपन्यास 'समय सरगम' में बहुजन समाज के प्रति पूर्वग्रह : MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
वाह भाई वाह
वाह भाई वाह
gurudeenverma198
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
Ashok deep
मुक्त्तक
मुक्त्तक
Rajesh vyas
"ये दृश्य बदल जाएगा.."
MSW Sunil SainiCENA
यूं ना कर बर्बाद पानी को
यूं ना कर बर्बाद पानी को
Ranjeet kumar patre
‘’ हमनें जो सरताज चुने है ,
‘’ हमनें जो सरताज चुने है ,
Vivek Mishra
सात सवाल
सात सवाल
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
तेरे दरबार आया हूँ
तेरे दरबार आया हूँ
Basant Bhagawan Roy
कल?
कल?
Neeraj Agarwal
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
manjula chauhan
प्रकृति का अनुपम उपहार है जीवन
प्रकृति का अनुपम उपहार है जीवन
Er. Sanjay Shrivastava
अफसाने
अफसाने
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
2314.पूर्णिका
2314.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कुछ लड़कों का दिल, सच में टूट जाता हैं!
कुछ लड़कों का दिल, सच में टूट जाता हैं!
The_dk_poetry
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
रंग हरा सावन का
रंग हरा सावन का
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
#हौंसले
#हौंसले
पूर्वार्थ
स्वयं पर विश्वास
स्वयं पर विश्वास
Dr fauzia Naseem shad
The enchanting whistle of the train.
The enchanting whistle of the train.
Manisha Manjari
#हिंदी-
#हिंदी-
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...