Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2017 · 1 min read

तेवरी

उसकी बातों में जाल नये
होने हैं खड़े बवाल नये |

बागों को उसकी नज़र लगी
अब फूल न देगी डाल नये |

छलना है उसको और अभी
लेकर पूजा के थाल नये |

बिल्डिंग की खातिर ताल अटा
अब ढूंढ रहा वो ताल नये |

आँखों से आँसू छलक रहे
अब और कहें क्या हाल नये |
+रमेशराज

Language: Hindi
472 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
स्थायित्व कविता
स्थायित्व कविता
Shyam Pandey
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गीत गाने आयेंगे
गीत गाने आयेंगे
Er. Sanjay Shrivastava
भय भव भंजक
भय भव भंजक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
यारों का यार भगतसिंह
यारों का यार भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
वो लड़की
वो लड़की
Kunal Kanth
भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
Rashmi Sanjay
Scattered existence,
Scattered existence,
पूर्वार्थ
#व्यंग्य-
#व्यंग्य-
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-347💐
💐प्रेम कौतुक-347💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
Kuldeep mishra (KD)
दूसरों की राहों पर चलकर आप
दूसरों की राहों पर चलकर आप
Anil Mishra Prahari
बात मेरी मान लो - कविता
बात मेरी मान लो - कविता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
2642.पूर्णिका
2642.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"फ़ानी दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
Dr Archana Gupta
मैं पागल नहीं कि
मैं पागल नहीं कि
gurudeenverma198
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
Vishvendra arya
"कलम की अभिलाषा"
Yogendra Chaturwedi
*आई बारिश हो गई,धरती अब खुशहाल(कुंडलिया)*
*आई बारिश हो गई,धरती अब खुशहाल(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नयनों मे प्रेम
नयनों मे प्रेम
Kavita Chouhan
पिता
पिता
लक्ष्मी सिंह
" आज चाँदनी मुस्काई "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
इतनी भी
इतनी भी
Santosh Shrivastava
शरद
शरद
Tarkeshwari 'sudhi'
बकरी
बकरी
ganjal juganoo
Loading...