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6 May 2017 · 1 min read

तेवरी

खुशियों के मंजर छीनेगा
रोजी-रोटी-घर छीनेगा |

है लालच का ये दौर नया
पंछी तक के पर छीनेगा |

हम जीयें सिर्फ सवालों में
इस खातिर उत्तर छीनेगा |

वो हमको भी गद्दार बता
कबिरा के आखर छीनेगा |

धरती पर उसका कब्जा है
अब नभ से जलधर छीनेगा |

उसको आक्रोश बुरा लगता
शब्दों से पत्थर छीनेगा |
+रमेशराज

Language: Hindi
497 Views
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