Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2021 · 1 min read

तेरे मेरे ख्यालों की ___ मुक्तक

तेरे मेरे ख्यालों की,यहां पर फिक्र है किसको।
जिक्र अपना ही करते है,मैंने देखा यहां जिसको।
चलो अब हम भी बदल जाएं,किसी के पास न जाएं,
जिएंगे अपना ही जीवन, समझा नहीं कोई भी हमको।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
1 Like · 193 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......
वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......
कवि दीपक बवेजा
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
Rj Anand Prajapati
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
Basant Bhagawan Roy
स्त्री श्रृंगार
स्त्री श्रृंगार
विजय कुमार अग्रवाल
,,,,,,
,,,,,,
शेखर सिंह
Dr arun kumar शास्त्री
Dr arun kumar शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बुद्ध फिर मुस्कुराए / MUSAFIR BAITHA
बुद्ध फिर मुस्कुराए / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कोशिशें हमने करके देखी हैं
कोशिशें हमने करके देखी हैं
Dr fauzia Naseem shad
पहले एक बात कही जाती थी
पहले एक बात कही जाती थी
DrLakshman Jha Parimal
पिता
पिता
Harendra Kumar
दोस्ती की कीमत - कहानी
दोस्ती की कीमत - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*खुशबू*
*खुशबू*
Shashi kala vyas
💐प्रेम कौतुक-262💐
💐प्रेम कौतुक-262💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुझे खुश देखना चाहता था
तुझे खुश देखना चाहता था
Kumar lalit
बेरोजगार लड़के
बेरोजगार लड़के
पूर्वार्थ
लंगोटिया यारी
लंगोटिया यारी
Sandeep Pande
शिव आदि पुरुष सृष्टि के,
शिव आदि पुरुष सृष्टि के,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिसके मन तृष्णा रहे, उपजे दुख सन्ताप।
जिसके मन तृष्णा रहे, उपजे दुख सन्ताप।
अभिनव अदम्य
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
Sanjay ' शून्य'
वर्षा रानी⛈️
वर्षा रानी⛈️
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
मौसम खराब है
मौसम खराब है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
प्रेमदास वसु सुरेखा
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
Keshav kishor Kumar
*हे हनुमंत प्रणाम : सुंदरकांड से प्रेरित आठ दोहे*
*हे हनुमंत प्रणाम : सुंदरकांड से प्रेरित आठ दोहे*
Ravi Prakash
24/246. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/246. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"डूबना"
Dr. Kishan tandon kranti
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
कवि रमेशराज
मत याद करो बीते पल को
मत याद करो बीते पल को
Surya Barman
Loading...