Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2017 · 1 min read

तेरे बिन

तेरे बिन
___________

मै यहाँ हूँ
दिल वहाँ है
बिखरा बिखरा सा अपना जहां है
सपनों की इस दौड़ में खोये
अपने गुम जाने कहाँ हैं

तेरी याद
____________

तेरी यादों के गुलदस्ते से
नन्ही कली जो
फूल बन मुस्काई
महका मेरा रोम रोम
हर अंग से
तेरी खुश्बू आई

लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’
बैतूल (म.प्र.)

Language: Hindi
1 Like · 549 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
हम इतने सभ्य है कि मत पूछो
ruby kumari
******गणेश-चतुर्थी*******
******गणेश-चतुर्थी*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रण
रण
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
उपहार
उपहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राधा की भक्ति
राधा की भक्ति
Dr. Upasana Pandey
मुझे तरक्की की तरफ मुड़ने दो,
मुझे तरक्की की तरफ मुड़ने दो,
Satish Srijan
वो
वो
Ajay Mishra
कुछ लोगो के लिए आप महत्वपूर्ण नही है
कुछ लोगो के लिए आप महत्वपूर्ण नही है
पूर्वार्थ
आंखो के पलको पर जब राज तुम्हारा होता है
आंखो के पलको पर जब राज तुम्हारा होता है
Kunal Prashant
आज वो भी भारत माता की जय बोलेंगे,
आज वो भी भारत माता की जय बोलेंगे,
Minakshi
क्या है उसके संवादों का सार?
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
प्रथम मिलन
प्रथम मिलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आजकल गजब का खेल चल रहा है
आजकल गजब का खेल चल रहा है
Harminder Kaur
सच बोलने की हिम्मत
सच बोलने की हिम्मत
Shekhar Chandra Mitra
Destiny
Destiny
Shyam Sundar Subramanian
तब गाँव हमे अपनाता है
तब गाँव हमे अपनाता है
संजय कुमार संजू
धरा
धरा
Kavita Chouhan
*मुट्ठियाँ बाँधे जो आया,और खाली जाएगा (हिंदी गजल)* ____________
*मुट्ठियाँ बाँधे जो आया,और खाली जाएगा (हिंदी गजल)* ____________
Ravi Prakash
24/01.*प्रगीत*
24/01.*प्रगीत*
Dr.Khedu Bharti
अलविदा नहीं
अलविदा नहीं
Pratibha Pandey
💐प्रेम कौतुक-94💐
💐प्रेम कौतुक-94💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
shabina. Naaz
*......हसीन लम्हे....* .....
*......हसीन लम्हे....* .....
Naushaba Suriya
* वर्षा ऋतु *
* वर्षा ऋतु *
surenderpal vaidya
औकात
औकात
Dr.Priya Soni Khare
मेरे जैसे तमाम
मेरे जैसे तमाम "fools" को "अप्रैल फूल" मुबारक।
*Author प्रणय प्रभात*
फ़ब्तियां
फ़ब्तियां
Shivkumar Bilagrami
एकांत बनाम एकाकीपन
एकांत बनाम एकाकीपन
Sandeep Pande
चार लाइनर विधा मुक्तक
चार लाइनर विधा मुक्तक
Mahender Singh
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
Namrata Sona
Loading...