Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2021 · 1 min read

तेरी ये लीला

रक्त-रंजित ना करों प्रभु,अपनी सुहाषित इस धरा को
अकाल मृत्यु से बचा लो,धरा पर अपनी संतान को

देख आकर एक बार धरा पर,माँ बिलखती पुत्र को
आज मानव तड़फता देख,धरा पर एक एक सांस को

आज तू निष्ठुर न हो,माफ कर ओलाद को
गलतियां जो भी हुई,अब भूल जा सब बात को

प्राणवायु को तड़पती,गिड़गिड़ाती संतान तेरी
आकर तू संभाल ले,आज दुखी संतान तेरी

अब परीक्षा रोक प्रभु,हो गई अब बहुत अति
क्या कहे हम शर्मिंदा हैं, मारी गई थी हमारी मति

नही देखा कभी स्वार्थवश हमने,किया धरा का दोहन
अंतर मन से माफ करो प्रभु,बंद करो धरा पर रुदन।

बंद करो मेरे प्रभु अब अपनी निष्ठुर ये लीला
देख तेरी संतान अब झेल रही मौत की ये लीला

डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

Language: Hindi
2 Comments · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
तू ठहर चांद हम आते हैं
तू ठहर चांद हम आते हैं
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
ज़रूरत
ज़रूरत
सतीश तिवारी 'सरस'
जीने के तकाज़े हैं
जीने के तकाज़े हैं
Dr fauzia Naseem shad
क्यों ? मघुर जीवन बर्बाद कर
क्यों ? मघुर जीवन बर्बाद कर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
(20) सजर #
(20) सजर #
Kishore Nigam
सफलता
सफलता
Paras Nath Jha
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
Vishal babu (vishu)
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
मेहनत
मेहनत
Anoop Kumar Mayank
बुद्ध या विनाश
बुद्ध या विनाश
Shekhar Chandra Mitra
अपनों की जीत
अपनों की जीत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ख्याल
ख्याल
अखिलेश 'अखिल'
वक्त को वक्त समझने में इतना वक्त ना लगा देना ,
वक्त को वक्त समझने में इतना वक्त ना लगा देना ,
ज्योति
■ आज मेरे ज़मीं पर नहीं हैं क़दम।।😊😊
■ आज मेरे ज़मीं पर नहीं हैं क़दम।।😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
किसी दर्दमंद के घाव पर
किसी दर्दमंद के घाव पर
Satish Srijan
"परिवर्तन"
Dr. Kishan tandon kranti
गीत प्रतियोगिता के लिए
गीत प्रतियोगिता के लिए
Manisha joshi mani
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
Meera Thakur
और भी शौक है लेकिन, इश्क तुम नहीं करो
और भी शौक है लेकिन, इश्क तुम नहीं करो
gurudeenverma198
*छंद--भुजंग प्रयात
*छंद--भुजंग प्रयात
Poonam gupta
गांव के छोरे
गांव के छोरे
जय लगन कुमार हैप्पी
रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
पूर्वार्थ
आता जब समय चुनाव का
आता जब समय चुनाव का
Gouri tiwari
सरस्वती वंदना-6
सरस्वती वंदना-6
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आवश्यक मतदान है
आवश्यक मतदान है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कहां से कहां आ गए हम..!
कहां से कहां आ गए हम..!
Srishty Bansal
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
Anand Kumar
🌹ढ़ूढ़ती हूँ अक्सर🌹
🌹ढ़ूढ़ती हूँ अक्सर🌹
Dr Shweta sood
2383.पूर्णिका
2383.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...