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8 Aug 2020 · 1 min read

तेरी याद

बैठा हूँ बेला की छाया में
खो कर वर्षों से तेरी यादों में
आशा है तु आएगी एक दिन
लेकर प्यार का पैगाम मेरे
आँखें भी न सो रही हैं
डर है तेरे निकल जाने की
हर आती पवनों की लहरों से
तेरे आने का समय पूंछ रहे हैं
जाएगी तु एक दिन इन राहों से
यही बैठ कर सोच रहे हैं।

संजय कुमार✍️✍️

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 393 Views
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