तेरी यादों को
तेरी यादों को
तेरी यादों को दिल मे छुपाया बैठे है,,,,,,।।
सुनो न हम तो तुम से ही दिल लगाय बैठे है।
तुम्ही में हम हर खुशी ढूंढ बैठे है।।।
रातों की नींदे भी हम तुम पर गावाय बैठे है।।।।।।
तुम हो हमारे दिल के करीब इतने की,,,,,,,,,।।
हम रवि से भी नजरें मिलाय बैठे है।।।।।।।
हाथो की खनकती चूड़ियां भी तम्हे पुकारती है,,,,,,,,।।
तुम ही हो सनम हमारे हमसे ही मुँह फुलाय बैठे है।।।।।
तेरी यादों का गुलदस्ता हम दिल की बगियाँ में लगाय बैठे है,,,,,,
दुनिया वाले आजकल हम पर ही नजरें गढाय बैठे है।।
यादों का तो आना जाना लगा होता दिल मे,,,,,,,,,
सुनो न हमने तो तुम्हे दिल का मालिकाना हक दे बैठे है।।।।।।
रूठने रुठाने से कुछ नही मिलता मान जाइये,,,,,,,,,
हम तो तुम्हे अपनी हिस्से की सारी खुशियां दे बैठे है।।।।।।।।।।।
यादों का महल बहुत खाश बना रखा है हमने सीने में
उसके एक कोने में तेरी ही मूरत बिठाए रखे है।।।।।।।
रचनाकार गायत्री सोनू जैन
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