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22 Feb 2020 · 1 min read

तेरी मेरी कहानी

तेरी मेरी जो ये कहानी है
जन्म जन्मों से भी पुरानी है

दूर बैठे हो अजनबी से तुम
पास आओ भी रुत सुहानी है

उड़ रही जुल्फ़ जो हवाओं में
क्या चढ़ी खूब ये जवानी है

आँख करती हैं गुफ्तगू हमसे
बात दिल की है दिल ने जानी है

ज़िंदगी कुछ नहीं बिना तेरे
राज़ की बात ये बतानी है

कह रहा मेरे हिज़्र् का किस्सा
बह रहा आँख से जो पानी है

नाम लेकर चिढ़ा रहे ‘सागर’
हाथ में प्यार की निशानी है

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